करोड़ों की संपत्ति को छोड़कर जैनेश्वरी दीक्षा लेने वाले आठ संयमी युवाओं का बड़नगर जैन समाज द्वारा भव्य स्वागत
बड़नगर/मध्यप्रदेश। कहते हैं जब वैराग्य जगा आदि मन में, जिन दीक्षा ली जाकर वन में, आज की ऐशो आराम की जिंदगी में और करोड़ों की सम्पत्ति को एवं भरे-पूरे परिवार को छोड़कर आठ युवाओ ने आत्म कल्याण के लिए वैराग्य का कठिन मार्ग चुन लिया है। आचार्य 108 श्री विशुद्ध सागरजी महाराज के पावन सानिध्य में बड़ोत (उ.प्र.) में 25 अक्टूबर 23 को इन आठो नौजवान वैरागी को एक भव्य समारोह में धार्मिक विधि विधान से जैनेश्वरी दीक्षा दी जायेगी। इस शुभ अवसर पर बड़नगर में जैन मन्दिर द्वारा दि.11 अक्टूबर की रात्रि में बग्गी पर दिक्षार्थी भैयाओ का विनौली व गोदभराई का चल समारोह बड़नगर के प्रमुख मार्गों पर धुमधाम से निकाला गया। दिक्षार्थी भैयाओ में बाल ब्रह्मचारी सिद्धम भैयाजी (भिंड), विपुल भैयाजी (भिंड), हिमांशु भैयाजी (भिंड), हार्दिक भैयाजी (इन्दौर), राजेश भैयाजी (ललितपुर), विपुल भैयाजी (छतरपुर), अंकुर भैयाजी (छतरपुर), तन्मय भैयाजी (जबलपुर) बड़नगर में विराजमान मुनि प्रशमसागरजी, मुनि साध्य सागरजी, मुनि संयत सागरजी, आर्यिका चिन्मयश्री माताजी, आर्यिका विप्रभमति माताजी का आशीर्वाद प्राप्त किया। चल समारोह में नपाध्यक्ष अभय टोंग्या, दिलीप राठौर, विजय मेहता, शान्तिलाल गोखरु, तेजकुमार शाह, प्रदीप गदीया, जितेन्द्र काला, नवीन काला, मनोज बिलाला, अशोक गोधा, अजीत टोंग्या, नरेन्द्र कासलीवाल, नरेन्द्र शाह, मनोज बाकलीवाल, नवीन बिलाला, मनीष टोंग्या, सजंय पाटनी, प्रमोद गोधा, अशोक शाह, कपिल वेद, आदी सभी समाजजन उपस्थित थे। जूलूस में बच्चे एवं सभी महिलाएं एक जैसी सफेद साड़ी में निकली। यह जानकारी मनीष टोंग्या ने दी।