जयपुर नगर निगम ग्रेटर की निलंबित महापौर डॉ. सौम्या गुर्जर के पति राजाराम गुर्जर को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया। राजाराम को मंगलवार सुबह मुख्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया था। इसके बाद मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तारी की गई। यह पूरा मामला शहर में सफाई करने वाली BVG कंपनी को 276 करोड़ का भुगतान करने की एवज में 20 करोड़ रुपए का कमीशन देने की डील की सौदेबाजी का है। जिसका गत 10 जून को इस डील के खेल का वीडियो और ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। बीवीजी कंपनी के प्रतिनिधि संदीप चौधरी और रिश्वत की सौदेबाजी में भूमिका निभाने वाले निंबाराम व अन्य के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण (संशोधित) अधिनियम 2018 और 120 बी आईपीसी में मुकदमा दर्ज किया गया है। निंबाराम आरएसएस के उत्तर पश्चिमी क्षेत्र के क्षेत्रीय प्रचारक रहे हैं।
आपको बता दें कि वायरल वीडियो पर ACB ने स्वत: संज्ञान लिया था। एसीबी के डीजी बीएल सोनी के निर्देश पर एसीबी ने प्रारंभिक शिकायत दर्ज कर जांच एडिशनल एसपी बजरंग सिंह शेखावत को सौंपी गई थी। इसके बाद एसीबी ने मंगलवार सुबह करीब 10 बजे बाद राजाराम गुर्जर को पूछताछ के लिए एसीबी मुख्यालय बुलाया। इसके बाद दोपहर को उसे गिरफ्तार कर लिया।
आईएएस और आरएसएस प्रचारक से भी हो सकती है पूछताछ
बता दें कि वायरल हुए दो वीडियो में आरएसएस के वरिष्ठ प्रचारक निंबाराम भी बातचीत में नजर आए थे। इसके अलावा एक वायरल ऑडियो में राजाराम गुर्जर और बीवीजी कंपनी के प्रतिनिधि के बीच बातचीत में एक आईएएस का भी नाम सामने आया था। ऐसे में आने वाले दिनों में एसीबी आरएसएस के प्रचारक और आईएएस से भी पूछताछ कर बयान दर्ज कर सकती है।
44 सेकंड के वीडियो में रिश्वत की इस तरह हो रही बातचीत
कंपनी का प्रतिनिधि जिसका चेहरा नहीं दिख रहा है वह कह रहा है कि 276 करोड़ रुपए का पेमेंट है। इसमें जो भी पेनल्टी लगेगी वो तो मेरी जाएगी। गलत बात तो नहीं कर रहा ना। नियमानुसार बात कर रहा हूं। मान लो 5 करोड़ कटे, 10 करोड़ कटे, 15 करोड़ कटे या 50 करोड़ जो भी कटे। पेमेंट रिलीज करवा दो आप। 6 महीने में, साल भर में, जितना भी पेमेंट होगा।
तभी दूसरी तरफ से आवाज आती है कि भाई 276 है और इसके आप 20 बता रहे हो। तब राजाराम गुर्जर कुछ कहते हैं, लेकिन साफ सुनाई नहीं दे रहा। कंपनी का प्रतिनिधि कहता है- जितना पेमेंट रिलीज होगा उसका 20 यानी 10 परसेंट हो गया। एक तरह से 10 परसेंट जिस दिन चाहें उस दिन आप चैक काट लो।
BVG कंपनी के बकाया भुगतान में रिश्वत के लेनदेन की डील
इस वीडियो में नगर निगम में रुका हुआ बकाया भुगतान को लेकर 10 फीसदी यानी 20 करोड़ रुपए की डील एक कमरे में हो रही है। यानी जिस तरह कंपनी को भुगतान होता जाएगा। उसका 10 प्रतिशत कमीशन राजाराम को मिलता जाएगा। हालांकि राजाराम यह बकाया भुगतान 6 महीने में पूरा दिलवाने की बात करते हुए नजर आ रहे है। उसके बदले एक मुश्त 10 करोड़ का चेक देने की बात BVG कंपनी के प्रतिनिधि सौम्या गुर्जर के पति राजाराम से कर रहे है।
इसी वीडियो में BVG कंपनी के प्रतिनिधि कहते हुए नजर आ रहे है कि जो पेनल्टी लगानी है वो लग जाएगी लेकिन 6 महीने में पूरा पेमेंट रिलीज करवा दीजिए। इसी बीच राजाराम डील में भुगतान का पैसा चेक के नाम से देने से इंकार कर देते है। इस वीडियो में निगम की समितियों, चेयरमेनों और पार्षदों को लेकर भी चर्चा हो रही है।
आरएसएस के क्षेत्रीय प्रचारक रहे निंबाराम को भी बनाया आरोपी, एसीबी के डीजी ने कहा- सहयोगात्मक भूमिका रही
एसीबी के डीजी बीएल सोनी ने बताया कि बीवीजी कंपनी को धमकाने के अंदाज में रिश्वत मांगने के आरोप में राजाराम गुर्जर को गिरफ्तार किया गया है। वहीं, रिश्वत की भारी रकम का ऑफर करने के आरोप में बीवीजी कंपनी के प्रतिनिधि ओमप्रकाश सप्रे को गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा वायरल वीडियो में रिश्वत का ऑफर करने वाले बीवीजी कंपनी के प्रतिनिधि संदीप चौधरी और रिश्वत की सौदेबाजी में सहयोगात्मक भूमिका निभाने वाले निंबाराम व अन्य के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण (संशोधित) अधिनियम 2018 और 120 बी आईपीसी में मुकदमा दर्ज किया गया है। इनमें निंबाराम आरएसएस के उत्तर पश्चिमी क्षेत्र के क्षेत्रीय प्रचारक रहे हैं। जानकारी के अनुसार राजस्थान में पहली बार भ्रष्टाचार के केस में आरएसएस के सबसे बड़े प्रचारक को आरोपी बनाया गया है।
वायरल ऑडियो और वीडियो को एफएसएल राजस्थान और प्रदेश के बाहर एक अन्य लैब में भेजा गया था
एसीबी के एडीजी दिनेश एमएन ने बताया कि 10 जून को सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो और ऑडियो की पुष्टि के लिए जयपुर में स्थित राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला(एफएसएल) में जांच के लिए भेजा गया। इसी तरह, राजस्थान के बाहर भी एक अन्य नामी लैब में इन वीडियो और ऑडियो को जांच के लिए भेजा गया। दोनों एफएसएल से रिपोर्ट प्राप्त होने पर राजाराम गुर्जर, ओमप्रकाश सप्रे, संदीप चौधरी और निंबाराम को भ्रष्टाचार के मुकदमे में आरोपी बनाया गया। जल्द ही अन्य दोनों आरोपियों को पूछताछ के लिए बुलाकर गिरफ्तारी की जा सकती है।