ईमानदारी, सेवा और संघर्ष का प्रतीक – डाॅ भगवान दास वैष्णव
पदमावत मीडिया के निर्भीक सहायक सम्पादक और जनसेवा में समर्पित व्यक्तित्व
डाॅ भगवान दास वैष्णव एक ऐसा नाम है जो समाज में सकारात्मक परिवर्तन के लिए समर्पित है। वे एक निडर पत्रकार, सजग समाजसेवी, और युवाओं के प्रेरणास्त्रोत के रूप में पहचाने जाते हैं। सत्य, ईमानदारी और जनहित की भावना से ओत-प्रोत उनका जीवन और कार्यशैली आज के समय में आदर्श बन चुकी है।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
डाॅ भगवान दास वैष्णव का जन्म एक धार्मिक और संस्कारवान परिवार में हुआ। प्रारंभ से ही उनमें सामाजिक न्याय, नैतिक मूल्यों और सत्य के लिए खड़े होने की भावना थी। उन्होंने उच्च शिक्षा प्राप्त की और डॉक्टरेट की उपाधि हासिल कर ज्ञान और सेवा दोनों को अपना जीवन-ध्येय बना लिया।
पत्रकारिता में साहस और सच्चाई की मिसाल
पदमावत मीडिया के सहायक सम्पादक के रूप में डाॅ भगवान दास वैष्णव निडर पत्रकारिता की मिसाल हैं। वे जमीनी सच्चाइयों को उजागर करते हैं जिन्हें बड़े मीडिया संस्थान अक्सर अनदेखा कर देते हैं। भ्रष्टाचार, प्रशासनिक लापरवाही और जन समस्याओं को वे मुखरता से उठाते हैं।
उनकी पत्रकारिता का मूल आधार है – “सच्चाई के साथ कभी समझौता नहीं।”
सामाजिक सेवा और संगठनात्मक भूमिका
भगवान दास एंटी करप्शन एंड क्राइम कंट्रोल कमेटी के मीडिया सेल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। वे युवाओं को संगठित कर समाज में जागरूकता फैलाते हैं। नशा मुक्ति, पर्यावरण, महिला सशक्तिकरण और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में उनका योगदान सराहनीय है।
धार्मिक और सांस्कृतिक योगदान
जैन धर्म के प्रति अगाध श्रद्धा रखने वाले भगवान दास धार्मिक आयोजनों में सक्रिय रहते हैं। संयम, अहिंसा और नैतिक जीवन मूल्यों का प्रचार-प्रसार उनका उद्देश्य है।
उनकी सोच, उनका विज़न
“हर नागरिक अगर ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का पालन करे, तो एक बेहतर भारत का निर्माण निश्चित है।”
महत्वपूर्ण पद व जिम्मेदारियां
- राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मीडिया सेल – एंटी करप्शन एंड क्राइम कंट्रोल कमेटी
- सहायक सम्पादक – पदमावत मीडिया
- सामाजिक कार्यकर्ता – शिक्षा, स्वास्थ्य, भ्रष्टाचार उन्मूलन, महिला सशक्तिकरण
- धार्मिक आयोजनों में सक्रिय सहयोगी व प्रेरणास्रोत