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गजब की पुलिसवाली! गुंडे भी पकड़ती है, गड्ढे भी भरती है… कौन हैं सब इंस्पेक्टर वर्षा

गजब की पुलिसवाली! गुंडे भी पकड़ती है, गड्ढे भी भरती है… कौन हैं सब इंस्पेक्टर वर्षा

नई दिल्ली । पुलिसवाली और गड्ढे भरने का काम… ये कैसे हो सकता है? पुलिसवाले तो मुल्जिमों को पकड़ते हैं। खाकी वर्दी, कंधे पर दो सितारे और सिर पर पुलिस की कैप लगाए सब इंस्पेक्टर वर्षा को जब लोग सड़क के गड्ढे भरते हुए देखते हैं, तो मन में पहला सवाल यही आता है। वर्षा को इस तरह देखकर या उनके बारे में सुनकर आपको ताज्जुब भले ही हो, लेकिन सच यही है। पिछले कुछ दिनों में वर्षा उन सारे गड्ढों को भरवा चुकी हैं, जो उनके थाना क्षेत्र में अक्सर लोगों और गाड़ी चलाने वालों के लिए मुसीबत बनते थे। अब बारिश में इन गड्ढों में पानी नहीं भरता और ना ही लोगों को गड्ढों वाली सड़कों पर गुजरने से कोई डर लगता है।

सब इंस्पेक्टर वर्षा बीवी पुलिस की ड्यूटी और नागरिक जिम्मेदारी एक साथ निभाती हैं

पुलिस की ड्यूटी और नागरिक जिम्मेदारी साथ-साथ निभाने की शुरुआत वर्षा ने उस वक्त की, जब उन्होंने अपने पुलिस स्टेशन के आसपास बड़े-बड़े गड्ढे देखे। ये गड्ढे वहां से गुजरने वाली गाड़ियों के लिए अक्सर बड़ी मुसीबत साबित होते थे। मांड्या सेंट्रल पुलिस स्टेशन में तैनात वर्षा ने जब ये समझा कि अगर इन गड्ढों को नहीं भरा गया तो किसी दिन कोई बड़ा हादसा हो सकता है, तो खुद ही इस काम को करने का संकल्प ले लिया। सड़कों के गड्ढे भरने में सबसे पहली जरूरत रुपयों की थी। वर्षा ने तय किया कि वो इस काम के लिए किसी से मदद नहीं मांगेंगी, बल्कि अपने पैसों से ये गड्ढे भरवाएंगी।

गड्ढे भरने के लिए रखे मजदूर, किराए पर लिए टिपर
गड्ढे भरने की शुरुआत मांड्या के होलालु सर्किल से की गई। यहां सड़क पर इतने बड़े गड्ढे थे कि बरसात में छोटे-छोटे तालाब की तरह नजर आते थे। गड्ढे भरने के लिए वर्षा ने मजदूरों को काम पर रखा। टिपर किराए पर लिए और इन्हें मिट्टी से भरने के लिए बैकहो की भी व्यवस्था की। जब इस इस सड़क के गड्ढे पूरी तरह भर गए तो वर्षा के हौसले के लिए बधाई देने आसपास के लोग पहुंचे। लेकिन, वर्षा यहीं नहीं रुकने वाली थीं। वो तो ठान चुकी थीं कि इस इलाके के सभी गड्ढों से लोगों को निजात दिलाएंगी।

रुपए खर्च हुए, लेकिन मन में एक खुशी है
वर्षा बताती हैं कि सड़कों की खराब हालत के कारण वाहन चालकों और पैदल चलने वालों को काफी असुविधा होती थी। इसके अलावा ये एक बड़ा खतरा भी था। उनकी इस पहल में काफी रुपए तो खर्च हुए, लेकिन वर्षा को कुछ अच्छा करने का संतोष था। अक्सर जब वो अपने पुलिस स्टेशन में बैठी होतीं, तो यहां से गुजरने वाला कोई ना कोई यात्री उन्हें धन्यवाद देने जरूर आता। द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इलाके में दुकान चलाने वाले मधु बताते हैं कि पहले सड़क की हालत बहुत खराब थी। गड्ढा इतना बड़ा था कि पिछले हफ्ते हुई भारी बारिश में यहां एक छोटा तालाब जैसा बन गया था। रात में अगर रोशनी न हो तो, आने-जाने वालों को बड़ी परेशानी होती थी। लेकिन, अब सब ठीक है। और ये देखकर और खुशी होती है कि इस काम को एक महिला पुलिस अधिकारी ने अंजाम दिया है।

पुलिस अधिकारी हो, तो सब इंस्पेक्टर वर्षा जैसी
हालांकि, ऐसा पहली बार नहीं है जब सब इंस्पेक्टर वर्षा सुर्खियों में आई हैं। दो साल पहले, जब वर्षा सब इंस्पेक्टर बनकर इस पुलिस स्टेशन में आईं और कार्यभार संभाला, तो उनके पिता बीएस वेंकटेश ने ही उन्हें यहां का चार्ज सौंपा। दरअसल, वर्षा के पिता की नियुक्ति इसी पुलिस स्टेशन में थी और उनका ट्रांसफर होने के ठीक बाद वर्षा को यहां की जिम्मेदारी मिल गई। पुलिस स्टेशन का कार्यभार संभालते हुए उस वक्त वर्षा की अपने पिता के साथ फोटो काफी वायरल हुई थी। अब एक बार फिर वर्षा ने मिसाल कायम की है। उनके इस काम के चर्चे दूर-दूर तक हैं और लोग कहते हैं कि पुलिस अधिकारी हो, तो सब इंस्पेक्टर वर्षा जैसी।

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