झारखण्ड पुलिस ही पुलिस की बनी दुश्मन : राजलाल सिंह पटेल
झारखण्ड/पवन जैन पदमावत । जिसके उपर सूबे की रक्षा की जिम्मेवारी है वही पुलिस अपने ही पुलिस के जान की दुश्मन बन गयी जिसकी जीती जागती उदाहरण है कल गढ़वा जिला के रंका थाना की घटना जिसकी जितनी भी निन्दा की जाय वह कम होगी उपरोक्त बातें एन्टी करप्शन एंड क्राइम कंट्रोल कमिटी के संस्थापक सह राष्ट्रीय अध्यक्ष राजलाल सिंह पटेल ने झारखण्ड प्रदेश दौरे के क्रम में स्थानीय तुलसी इन होटल में एक प्रेस वार्ता के दौरान कहा उन्होंने यह भी कहा कि गढ़वा जिला के रंका थाना की भ्रस्टाचारी पुलिस कल थाना परिसर में एक भ्रस्टाचारी एएसआई कमलेश कुमार को बचाने के लिए एसीबी पलामू की टीम पर जिस प्रकार जानलेवा हमला कर एसीबी की कब्जा से भ्रस्टाचारी एएसआई कमलेश कुमार को भगाने का काम एक तरफ जहाँ किया वहीं दूसरी तरफ उस थाना की पुलिस जिस प्रकार एसीबी टीम के पदाधिकारी एवं जवानों के साथ जिस प्रकार मार – पीट की घटना को अंजाम दिया गया वह गढ़वा पुलिस को भ्रस्टाचारी बताने के लिए काफी है
उन्होंने यह भी कहा कि एन्टी करप्शन एंड क्राइम कंट्रोल कमिटी को रंका थाना की विभिन्न शिकायतें पिछले सितम्बर माह से प्राप्त हो रही थी जिसको मैं गम्भीरता से लेते हुए पिछले छः सितम्बर से लगातार गढ़वा पुलिस अधीक्षक एवं पलामू डीआईजी को पत्र लिख कर कार्यवाई की माँग कर रहा था एक मामले में जब रंका पुलिस की लापरवाही पायी गयी तो गढ़वा पुलिस अधीक्षक द्वारा इसी माह के पहली तारीख को रंका थाना के तत्कालीन थानाध्यक्ष नितेश कुमार को निलंबित नए थानाध्यक्ष का योगदान कराया गया लेकिन वर्तमान थानाध्यक्ष की कार्यशैली भी पूर्व की ही तरह थी और क्षेत्रीय जनता त्रस्त हो रही थी फिर मैं संस्था के झारखण्ड प्रदेश संयुक्त सचिव कविलास सिंह एवं गढ़वा जिला सचिव देवनारायण सिंह को व्याप्त भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए एसीबी पलामू के कार्यालय भेजकर ट्रैपिंग कराने का निर्णय लिया ।
उन्होंने बताया कि शंकर कोरवा के शिकायत पर कल एसीबी पलामू की टीम कार्यवाई करने गयी थी रंका थाना के करी गाँव के शंकर कोरवा के भूमि को वहाँ का स्थानीय चौकीदार जबरन कब्जा कर लिया था जिसको विरोध जब शिकायतकर्ता ने किया तो चौकीदार द्वारा कुल 67 लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी जिसमे से नाम हटाने के लिए रंका थाना के एएसआई कमलेश कुमार द्वारा चालीस हजार की माँग की गयी मौका रहते संस्था के दोनों पदाधिकारी शिकायतकर्ता को लेकर एसीबी पलामू के कार्यालय गए वहां से एसीबी की टीम दो दिन पहले सत्यापन की सत्यापन के दौरान थानाध्यक्ष ने भी पैसा खर्च करने का बात किया और सत्यापन के बाद कल एएसआई कमलेश कुमार को एसीबी पलामू टीम द्वारा बीस हजार रुपया देते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार की लेकिन रंका पुलिस द्वारा एक भ्रस्टाचारी को बचाने के लिए अपने ही पुलिस के ऊपर जिस प्रकार कातिलाना हमला किया वह यह बताने के लिए काफी है कि जिसके ऊपर रक्षा की जिम्मेदारी वह भ्रष्टाचार में संलिप्त होकर किसी के किसी भी प्रकार के घटना को अंजाम दे सकता है ।
रंका थानाध्यक्ष को भी तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए दोनों मुकदमों में सह अभियुक्त बनाया जाय
उन्होंने बताया कि अगर रंका थाना के वर्तमान थानाध्यक्ष को गढ़वा पुलिस अधीक्षक द्वारा तत्काल प्रभाव से निलंबित कर एसीबी टीम द्वारा दर्ज कराए गए दोनों मुकदमों में सह अभियुक्त नहीं बनाया जाता है तो अगले सप्ताह सूबे के पुलिस महानिदेश से मुलाकात कर कार्यवाई का माँग करूँगा अगर वहाँ से भी कार्यवाई नहीं हुआ तो माननीय उच्च न्यायालय राँची में याचिका दाखिल करूँगा ।