पाकिस्तान के हैदराबाद की 19 साल की इक़रा जीवानी और उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के 21 साल के मुलायम सिंह यादव को ऑनलाइन लूडो खेलते खेलते प्यार हुआ. ये साल था 2020.
इक़रा नेपाल के रास्ते ग़ैरक़ानूनी तरीके से भारत पहुँची. दोनों ने शादी कर ली और बेंगलुरु में रहने लगे.
लेकिन पुलिस को इक़रा के पाकिस्तान से जुड़े व्हाट्सऐप कॉल्स पर शक हुआ. जांच के बाद उसे पाकिस्तान भेज दिया गया.
मुलायम को पुलिस ने गिरफ़्तार कर जेल भेज दिया है.
लेकिन मुलायम सिंह यादव का परिवार अब सरकार से उनके ‘घर की बहू’ को वापस लौटने और बेटे की रिहाई की गुहार लगा रहा है.
आइए आपको बताते हैं कि इक़रा और मुलायम की मोहब्बत, शादी और जुदा होने की कहानी.
‘लूडो खेलते हुआ प्यार’
इस साल 19 फ़रवरी को इक़रा जीवानी को वाघा बॉर्डर के रास्ते पाकिस्तान भेज दिया गया. उनका जुर्म था ग़ैरक़ानूनी तरीके से भारत आना. उन्होंने प्रयागराज के मुलायम सिंह यादव से शादी की थी और उनके साथ बेंगलुरु में रह रही थीं.
बेंगलुरु पुलिस के सूत्रों की माने तो कोविड लॉकडाउन लगने के बाद 2020 में मुलायम सिंह यादव ने इक़रा से समीर अंसारी बन कर ऑनलाइन लूडो खेलना शुरू किया.
तब वो सिर्फ़ 19 साल की थी. तब 21 साल के रहे मुलायम बेंगलुरु में एक आईटी कंपनी में गार्ड की नौकरी करते थे.
दोनों के बीच में रिश्ता गहराया. तब लॉन्ग-डिस्टेंस रिलेशनशिप की मुश्किलें तो थीं ही, इक़रा पर परिवार की ओर से शादी करने का दबाव भी बढ़ रहा था. इसके चलते इक़रा मुलायम की सलाह पर पाकिस्तान से दुबई होते हुए नेपाल पहुँची.
पुलिस का मानना है कि वहां दोनों ने मंदिर में शादी की और सितंबर 2022 में नेपाल से पटना के रास्ते बेंगलुरु पहुंचे. जहाँ पर वो बेलंदूर पुलिस थाना इलाके में रहने लगे.
पुलिस के मुताबिक़ मुलायम काम करते थे और इक़रा घर पर रहती थीं. मुलायम ने इक़रा का रिया यादव के नाम से ‘फ़र्ज़ी’ आधार कार्ड भी बनवाया.
व्हाट्सऐप कॉलिंग से होती थी बात
अपने परिवार से दूर रह रही इक़रा ने व्हाट्सऐप कॉलिंग पर पाकिस्तान के हैदराबाद में अपनी माँ से बात करना शुरू किया.
बेंगलुरु पुलिस का ख़ुफ़िया तंत्र बेंगलुरु में होने वाले जी20 कार्यक्रम और एयरो शो के मद्देनज़र काफ़ी सतर्कता बरत रहा था और उसी सर्विलांस के दौरान इक़रा के कॉल्स पुलिस की रडार पर आ गए.
इसके बाद बेंगलुरु पुलिस इक़रा की खोज में जुट गई. उनसे पूछताछ में यह बात सामने आई कि ये महज़ सरहद पार की एक लव स्टोरी है.
पूछताछ के बाद 20 जनवरी को इक़रा को फॉरेनर्स रीजनल रजिस्ट्रेशन ऑफ़िस (एफ़आरआरओ) को सौंप दिया गया.
बेंगलुरु में व्हाइटफ़ील्ड के डीसीपी एस गिरीश ने बीबीसी को बताया, “अभी सिर्फ़ देश में गैरक़ानूनी तरीक़े से आने के अलावा उसके (इक़रा के) ख़िलाफ़ कोई अपराध नहीं बनता है. लेकिन अभी जांच जारी है.”
एक अन्य पुलिस सूत्र के मुताबिक़, “गैरक़ानूनी एंट्री और जालसाज़ी के अलावा, ये एक लव स्टोरी भी लग रही है.”
मुलायम सिंह यादव को जालसाजी, फ़ॉरेनर्स एक्ट और आईपीसी की अन्य धाराओं के तहत गिरफ़्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया और फिलहाल वो बेंगलुरु सेंट्रल जेल में हैं.
सरकार से गुहार
प्रयागराज के मकसुदना गाँव में मुलायम की माँ शांति देवी ने बीबीसी के सहयोगी पत्रकार को बताया, “हम चाहते हैं कि लड़की-लड़का को छोड़ दें, उन्हें हम बहू बनाएंगे. हम अच्छे से रखेंगे. चाहे वो पाकिस्तान की हों या मुसलमान, हम अपनी बहू को अपना लेंगे. चाहे जो भी जात हो, दोनों की शादी हो गई है. हमारे बेटे को छोड़ दें. सरकार चाहेगी तो लड़की को पहुंचा देगी.”
पाकिस्तान की सरकार से मुलायम की माँ कहती हैं, “शादी तो हो ही गई है, बस अब दोनों को अपने घर पहुंचा दें.”
मुलायम के भाई जीत लाल यादव ने बीबीसी को बताया कि उन्हें मुलायम और इक़रा के बारे में 19 जनवरी को पुलिस कार्रवाई के बाद ही पता चला. जीत लाल बताते हैं कि उन्हें लगता था कि मुलायम अपने दोस्त के साथ रहता था.
“वे हमारी बहू हैं तो आपकी भी हुई, भारत की बहू हैं”
जब मीडिया रिपोर्ट्स से जीतलाल यादव को पता चला कि इक़रा को पाकिस्तान भेज दिया गया तो वो निराश हुए.
जीतलाल कहते हैं, “बताइए, हमारे घर को इज़्ज़त कैसे मिलेगी? हम उसको रखना चाहते हैं. हमें हिंदुस्तान पाकिस्तान के हालात के बारे में मालूम है लेकिन उन लोगों का इरादा ग़लत थोड़े ही न था. वो लोग प्यार ही तो किए थे ना. अगर भाई को पता चलेगा कि जिसके लिए हम जेल में हैं वो तो चली गई तो उनका क्या हाल होगा.”
जीतलाल यादव ने एक वकील के सहारे मुलायम सिंह की बेल की अर्ज़ी अदालत में डाली है.
जीतलाल कहते हैं, “जांच हुई है. जिसके बाद इक़रा को पाकिस्तान भेज दिया गया है. तो यह बताइए कि भाई को क्यों जेल में रखे हुए हैं.” वो कहते हैं, “कहीं ना कहीं वो हमारी बहू हैं, तो वो आपकी बहू भी हुईं ना साहब. इंडिया की बहू हुईं न.”