राष्ट्रीय शिक्षा नीति से देश बनेगा सुपर पावर
केन्द्रीय विद्यालय प्रबंधन ने दी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रावधानों की जानकारी
उदयपुर। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के प्रावधान आने के तीन वर्ष पश्चात उन प्रावधानों के क्रियान्वयन की प्रगति से आम जनमानस को जागरूक किया जाना नितांत आवश्यक है। इसी उद्देश्य से शुक्रवार को उदयुपर के सूचना केन्द्र के सभागार में केन्द्रीय विद्यालय प्रतापनगर की ओर से पत्रकार वार्ता का आयोजन किया गया। केन्द्रीय विद्यालय प्राचार्य और नोडल अधिकारी दिलबहादुर सिंह ने बताया कि किसी भी देश की प्रगति का सबसे महत्वपूर्ण आधार शिक्षा होती है। आज जब भारत अपनी आज़ादी के अमृतकाल में प्रवेश कर चुका है और विश्व अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण स्थान हासिल कर रहा है तो यह आवश्यक हो जाता है कि हमारी शिक्षा नीति भी वर्तमान आवश्यकताओं और माँग के अनुरूप हो। इसी उद्देश्य से व्यापक विचार-मंथन के पश्चात भारत सरकार सरकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 लेकर आई जिसमें बच्चों को केन्द्र में रखकर उसके सर्वांगीण विकास के लिए सीखने के पारंपरिक और नवीन तरीकों और प्रविधियों पर जोर दिया गया। नई शिक्षा नीति को अक्षरशः लागू करने पर भारत सुपरपावर बन सकेगा।
ऐसी है नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति :
प्राचार्य सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2023 में कई प्रमुख बदलाव किए गए है। इसके तहत पाठ्येतर और पाठ्यचर्या विषयों और शैक्षणिक, व्यावसायिक, या कलात्मक विषयों के बीच बहुत अंतर नहीं होगा।
मूलभूत साक्षरता और संख्या ज्ञान का महत्व बढ़ाया जाएगा। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2023 के अंतर्गत पूर्व के 10$2 शिक्षा पैटर्न को नए 5$3$3$4 पैटर्न से बदल दिया जाएगा। छात्रों को राज्य की आधिकारिक भाषा में अध्ययन करने की कोई आवश्यकता नहीं होगी। इसी प्रकार छात्रों को दो बार बोर्ड परीक्षा देने की अनुमति प्रदान की जाएगी। उन्होंने बताया कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त प्रयास करेगी कि प्रतिभाशाली बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले।
विद्या प्रवेश उत्सव कार्यक्रम :
सिंह ने बताया कि केन्द्रीय विद्यालय प्रतापनगर में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के निर्देशों के अनुरूप विभिन्न कदम प्रभावी रूप से उठाए गए हैं। विद्यालय में कक्षा पहली में प्रवेश लेने वाले नए विद्यार्थियों के लिए विद्या प्रवेश उत्सव कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। जिसमें बच्चों को विभिन्न खेलकूद तथा सांस्कृतिक कार्यक्रमों द्वारा मनोरंजन के साथ शिक्षा की ओर प्रेरित किया जाता है।
विभिन्न गतिविधियों से शिक्षण कार्य को बनाया सरल व प्रभावी
प्राचार्य ने बताया कि नई शिक्षा नीति के तहत विद्यालय ’निपुण भारत मिशन में कक्षा तीन तक के बच्चों के लिए बुनियादी पढ़ने-लिखने तथा अंक गणित हल करने के लक्ष्य को विभिन्न शिक्षण गतिविधियों के द्वारा संपादित कर रहा है। इसके अंतर्गत एफएलएन (फाउंडेशनल लिट्रेसी एंड न्यूमेरेसी)- मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मक ज्ञान कार्यक्रम चलाया जा रहा है। जिसमें प्रत्येक कक्षा में बच्चों के लिए भाषा और गणित सीखने के लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं। इन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए खिलौना आधारित शिक्षण, क्लब गतिविधियाँ, समग्र मूल्यांकन प्रणाली और करके सीखो आदि के माध्यम से बच्चों को शिक्षण दिया जाता है। इसके सफलता पूर्वक क्रियान्वयन के लिए नियमित अंतराल पर शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाता है।
केन्द्रीय विद्यालय दे रहा एआई की भी शिक्षा :
उन्होंने यह भी बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस आधुनिक समय की आवश्यकता बनता जा रहा है। जब भारत नॉलेज पॉवर बनने की दिशा में अग्रसर है तो एआई उसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इसीलिए केन्द्रीय विद्यालय प्रतापनगर में एआई एक अतिरिक्त विषय के रूप में पढ़ाया जा रहा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में बच्चों के ज्ञान को व्यवहारिक जीवन से जोड़ने और कौशल विकास पर विशेष बल दिया गया है। इस दिशा में विद्यालय निरंतर प्रयास कर रहा है। बच्चों को अनुभव करके सीखने, प्रयोगशाला में सीखने और सीखे गए विषय को दैनिक जीवन में लागू करने पर बल दिया जा रहा है। बच्चों के कौशल विकास के लिए विद्यालय में कार्यानुभव शिक्षक, क्रीड़ा शिक्षक, कला शिक्षक, संगीत शिक्षक, नृत्य, कम्प्यूटर और योग के अनुदेशक नियुक्त हैं। जो अपनी नियमित कक्षाओं में बच्चों की रुचियों और क्षमताओं के अनुसार उनके कौशल विकास में अपना योगदान देते हैं।
इस अवसर पर केंद्रीय विद्यालय एकलिंगगढ़ के प्राचार्य अरूण कुमार, जवाहर नवोदय विद्यालय मावली के प्राचार्य महबूब अली, सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ कमलेश शर्मा, सेंट एंथोनी प्राचार्य विलियम डिसूजा, केंद्रीय विद्यालय प्रतापनगर के उप प्राचार्य अमृत लाल मीणा, गोवर्धन वोरा, गुलझारी लाल, राजकुमार शर्मा, संदीप अरोड़ा, इकलेश मीणा एवं श्रीमती चेतना एवं उदयपुर के मीडिया प्रतिनिधि उपस्थित रहे।