रिटर्निंग अधिकारी ने ‘भगवान’ को दिया नोटिस, 10 नवंबर तक मांगा जवाब
सिरोही। राजस्थान में विधानसभा चुनाव को लेकर आदर्श आचार संहिता लागू है. इसको लेकर अधिकारियों की ओर से लगातार राजनीतिक दलों पर निगरानी रखी जा रही है. लेकिन सिरोही में अधिकारियों की निगरानी इतनी ज्यादा हो गई कि रिटर्निंग अधिकारी ने भगवान को ही नोटिस दे डाला.
बाद में जब प्रशासन की नींद टूटी तो उसे गलती का अहसास हुआ और नोटिस को वापस लिया गया. भगवान को नोटिस का यह अजीबो-गरीब मामला सिरोही जिले के माउंट आबू उपखंड से जुड़ा है.
दरअसल दो दिन पहले 3 नवंबर को बीजेपी की ओर से स्वरूपगंज पुलिस थाने के सामने स्थित मुनि जी महाराज मंदिर में एक राजनीतिक सभा का आयोजन किया गया था. इसके बाद इसकी शिकायत होने पर माउंट आबू एसडीएम आईएएस ऑफिसर सिद्धार्थ पालानीचामी ने भगवान मुनि जी महाराज को ही पार्टी बनाकर उनको आचार संहिता का उल्लंघन का नोटिस दे डाला.
नोटिस देखकर चौंक गए लोग
बताया जा रहा है कि रिटर्निंग अधिकारी ने बिना किसी भी सत्यापन नोटिस जारी कर दिया. यहां तक कि नोटिस में 10 नवंबर तक उन्हें जवाब देने का आदेश दिया गया. भगवान मुनि महाराज के नाम से नोटिस जारी होते ही लोग चौंक गए और देखते ही देखते नोटिस की कॉपी सोशल मीडिया में वायरल हो गई. माउंट आबू में उपखंड अधिकारी आईएएस अधिकारी को लगाया जाता है.
प्रशासन ने जताया खेद और फिर वापस लिया नोटिस
बाद में बात जब प्रशासन के पास पहुंची तो उसने सोमवार को एक पत्र जारी कर नोटिस वापस लेने की बात कही. इस पत्र में अधिकारी ने लिखा कि 3 नवंबर को मुनि जी महाराज सरूपगंज के नाम नोटिस जारी किया गया था. अद्योहस्तारकर्ता के संज्ञान में आया है कि उक्त नाम किसी व्यक्ति विशेष/प्रबंधक का नहीं है बल्कि मंदिर में विराजमान पूजनीय शाश्वत भगवान जी का है. सहवन से कार्यालय स्तर से हुई त्रुटी को मानते हुए एवं पूर्ण खेद जताते हुए उक्त नोटिस को तुरंत प्रभाव से प्रत्याहरण किया जाता है.