सट्टे कारोबार में पुलिस का खेल, कानून फेल
- पुलिस सब कुछ जानकर भी अनजान बनी
- दिन-प्रतिदिन फलफूल रहे सट्टे कारोबारी
- कानून को किनारे कर पुलिस माफियाओं पर मेहरबान
बिलग्राम : वैसे तो सट्टे के अवैध कारोबार ने अपना रंगरूप बदल डाला है अब सट्टा परची के अलावा मोबाइल फोन से भी काम होने लगा है
सट्टा के कारोबार पर अंकुश लगाना मुश्किल सा लग रहा है यह खेल पुलिस की जानकारी मैं है फिर भी अनजान बन सट्टा माफियाओं पर मेहरबान नजर आ रही है पुलिस चढावा लेकर इन सभी को खुली छूट दे रखी है सट्टा कारोबारी भी नजराना दे कर खुले आम खेल करवा रहे हैं
नौजवान व महिलाएं भी सट्टे के भंवर में
बिलग्राम – सट्टे के कारोबार में नौजवान से लेकर महिलाएं भी सामिल है जो जगह जगह पान की, चाय, गली कूंचो मे अपनी दुकानें सजाये बैठे हैं और इन दुकानों पर दिन भर मेहनत मजदूरी कर 100 से 200 रूपये तक कमाने वाला मजदूर अपनी मेहनत की कमाई को पानी की तरह बहाता है जिससे बहै में परिवार भूखे पेट सोने को मजबूर होता है|
शहर से गांव तक पहुचा सट्टा
बिलग्राम – शहर से गांव तक पहुँचे सट्टे के कारोबार ने दर्जनों परिवारो को भुखमरी की कगार पर पहुचा दिया है एक को 100 गुना के चक्कर में सट्टे के भॅवर में फंसते अनजान लोग धीरे धीरे अपने परिवारों को भुखमरी की ओर ले जा रहे हैं
समाजविरोधी सट्टा कारोबार फलता फूलता
बिलग्राम – वैसे तो समाजसेवी संगठनों ने समाज सेवा के लिए के कई अहम कदम उठाए हैं जिसमें समाज विरोधी क्रिया कलापों में लिप्त लोगों के विरुद्ध समाज सेवी संगठनों ने विरोध किया है लेकिन समाज के सबसे धुर विरोधी सट्टे के काले धन्धे से लडने के लिए समाज सेवी लोगों ने भी हाथ खडे कर लिऐ है क्योंकि सभी का मानना है कि जब कार्रवाई करने वाले जिम्मेदार अधिकारियों का आशीर्वाद इन लोगों को प्राप्त हैं तो फिर किस से उम्मीद की जाये
कस्बे के विभिन्न स्थानों पर लिखा जाता है सट्टा
– बजरिया, कासूपेट, मैदान पुरा, पीपल चौराहा, जुलाहे पूरी,काजीपुरा, प्रजा पती मार्केट के पीछे, बडा चौराहा, इन सभी जगहों पर सट्टा लिख कर लाखो का खेल रोज होता है
और लोग इस से भी बड़े नशे में फसे है जिस का नाम है इसमेक जो की बन्द होने का नाम ही नही ले रहा है बिलग्राम का नाम ख़राब हो रहा है जो इस नशे मे डुबा वो बरबाद हो जाता है इस से आम जनता है परेशान किया हरदोई एसपी इसको बन्द करवा पाएंगे या ये ऐसे ही चलता रहेगा। जनता को हरदोई एसपी से उम्मीद