एंटी करप्शन एंड क्राइम कंट्रोल कमिटी के छात्र सेल का राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की कमान संभालेंगे पीयूष सिंह पटेल
संगठनात्मक बदलाव को ध्यान में रखकर किया जा रहा है पियुष सिंह पटेल का छात्र सेल के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद का चयन
छात्र राजनीति से अपने करियर की शुरुआत करने वाले पियुष सिंह पटेल का छात्र सेल में राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद का संगठन कर्यालय में शपथ ग्रहण समारोह में वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ हिस्सा लेकर लेंगे शपथ
रामगढ़। आज के स्टूडेंट लीडर्स राजनीतिक पार्टियों के नेताओं के मोहरे भर हैं। उनकी अपनी कोई पहचान नहीं है। उन्हें प्रदेश और राजधानी तो दूर, यूनिवर्सिटी के पूरे छात्र भी नहीं जानते हैं। यह कहना है पीयूष सिंह पटेल का। वे बताते हैं कि एक वक्त था जब छात्र नेताओं से सरकार के असरदार मंत्रियों तक के पसीने छूटते थे। वे कॉलेजों में छात्रों के बीच संघर्ष से पैदा होते थे। 15-20 साल पहले तक ऐसा दौर था कि जब तक वे विवि में रहता था, छात्र हितों के लिए संघर्ष करता था। वह रिटायर नहीं होता था। अब वह दौर कहां?
अब… धन-बल से पैदा हो रहे हैं छात्र नेता
पीयूष कहते हैं कि अब छात्र राजनीति का स्तर गिर गया है। अपनी पहचान बनाने के लिए पोस्टरों का सहारा लेते है। ज्यादातर छात्र नेता धनबल से पैदा हो रहे हैं। इनकी आवाज और मौजूदगी किसी मंत्री या नेता को नहीं चौंकाती है। नेता मिलकर किसी को भी चुनाव में खड़ा कर देते हैं। ऐसे में गरीब छात्र चुनाव लड़ने की सोच ही नहीं सकता। फिजूलखर्ची, शराब पार्टी, पिक्चर दिखाने जैसी संस्कृति की बजाय शैक्षणिक माहौल में चुनाव हो तो छात्राओं की भागीदारी होगी।