जहरीली शराब काण्ड में बिहार सरकार के विरुद्ध दर्ज हो हत्या का मुकदमा : राजलाल सिंह पटेल
कैमूर/बिहार : बिहार सरकार के गलत नीतियों एवं शराब बंदी काला कानून के वजह से दीपावली के दिन बिहार के गोपालगंज एवं बेतिया में लोग जहरीली शराब से मरते रहे और सूबे के मुख्यमंत्री एक अड़े मार्ग में दीपावली मनाते रहे बिहार की सरकार शराब बंदी का काला कानून लागू कर शराब तस्करी का एक उद्योग चालू कर रखी है शराब तस्करी में जब जब कार्यवाई हुयी है तब तब मुख्यमंत्री के पार्टी के नेता का ही नाम आया है बिहार की सरकार अपने लोगों से सत्ता की आड़ में शराब तस्करी कराने के लिए शराब बंदी काला कानून आज के 05 वर्ष पूर्व लायी लेकिन आज 05 वर्ष बीत जाने के बाद भी शराब तस्करी रोकने में बिहार सरकार विफल हुयी उपरोक्त बातें एन्टी करप्शन एंड क्राइम कंट्रोल कमिटी के संस्थापक राजलाल सिंह पटेल ने एक प्रेस वार्ता के दौरान दीपावली के दिन गोपालगंज एवं बेतिया में जहरीली शराब से 24 लोगों के हुयी मौत की घटना का निन्दा करते हुए कहा उन्होंने यह भी कहा कि लोगों की जाने जाती रही और बिहार के मुख्यमंत्री एक अणे मार्ग में दीपावली मनाते रहे उन्होंने यह भी कहा कि पहले तो वही मुख्यमंत्री प्रत्येक 08 किलोमीटर के अन्दर शराब की दुकाने खुलवाया और लोगों को शराब पीने का लत लगवाया उसके बाद अपने पार्टी नेताओं से शराब तस्करी कराने के लिए सूबे में शराबबंदी काला कानून लागू कर दिया उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री से पूछा कि जब घर और वाहन से शराब पकड़ी जाती है तो घर और वाहन को जब्त कर नीलाम कर दिया जाता है फिर अगर बिहार में जहरीली शराब से एक भी लोगों की मौत होती है तो बिहार के मुख्यमंत्री के विरुद्ध हत्या का मुकदमा क्यों नहीं दर्ज हो सकता है उन्होंने कहा कि आज जेलों की हालात यह है कि जेलों में अपराधी कम और शराब पीने वालों की संख्या अधिक है बिहार के न्यायालयों में शराब बंदी काला कानून के वजह से बोझ बढ़ता जा रहा है उन्होंने कहा कि सरकार को इस काला कानून को वापस ले लेना चाहिए सिर्फ वोट की राजनीति और शराब बंदी पर सियासत करने में लोगों कि जानें बिहार सरकार नहीं ले ।