जीवन में अति विश्वास न करते हुए मात्र विश्वास के साथ सावधानी बरतनी चाहिए- साध्वी डॉ.बिंदुप्रभा
नागौर । जयमल जैन पौषधशाला में जयमल जैन श्रावक संघ के तत्वावधान में गुरुवार को जयगच्छीय जैन साध्वी डॉ.बिंदुप्रभा ने मित्र द्रोह, स्वामी द्रोह का दुष्प्रभाव विस्तार पूर्वक समझाया। साध्वी ने प्रवचन सभा को संबोधित करते हुए कहा कि मित्र वहीं जो एक दूसरे पर विश्वास करे, एक दूसरे को अपना हृदय सौंप दें। व्यक्ति मित्र की ओर से संपूर्ण निर्भय और बेपरवाह रहता है। सोचता है मित्र की ओर से उसे कभी कोई खतरा होने वाला नहीं है। हमेशा भला ही करेगा। इस विश्वास की परिस्थिति में कोई धोखा दे दे तो भयंकर चोट लगती है। साध्वी ने आज कल के सोशियल मीडिया द्वारा होने वाली मित्रता और उससे ज्यादातर होने वाले अनहोनियों को नजर अंदाज न करते हुए जीवन को संतुलित एवं निर्लिप्त बनाने की प्रेरणा दी। अति विश्वास न करते हुए मात्र विश्वास के साथ सावधानी बरतनी चाहिए। जब तक साधक मोह निद्रा में सोया हुआ है, तब तक पौदगलिक पदार्थ में सुख मानता है। मित्र द्रोह के साथ स्वामी द्रोह का भी त्याग कर लेना चाहिए। स्वामी यानी मालिक, रक्षा करने वाले, आजीविका देने वाले। जिनके यहां रहकर व्यापारिक बुद्धि पाई, आजीविका का साधन मिला, अनुभव और प्रतिष्ठा पाई, उनके प्रति द्रोह करना निकृष्ट कर्म है। स्वामी द्रोह में राष्ट्र द्रोह भी आ जाता है। इसी द्रोह से जीवन में सदा चिंता और भय बना रहता है।
प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता आयोजित
मंच का संचालन संजय पींचा ने किया। प्रवचन में पूछे गए प्रश्नों के उत्तर हरकचंद ललवानी, एम.मनोज ललवानी, तीजादेवी पींचा एवं रीता ललवानी ने दिए। दोपहर 2 बजे से 3 बजे तक महाचमत्कारिक जयमल जाप का अनुष्ठान किया गया। चमक इंडस्ट्रीज, पीपाड़ सिटी के पारसमल जैन द्वारा प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता के विजेता को पुरस्कृत किया गया एवं प्रवचन तथा जय जाप की प्रभावना वितरित की गयीं। आगंतुकों के भोजन का लाभ मालचंद, प्रीतम ललवानी परिवार ने लिया। इस मौके पर कंचनदेवी मोदी, पांचीदेवी ललवानी, सुमतीदेवी चौरड़िया, संगीता पींचा सहित अन्य श्रावक-श्राविकाएं उपस्थित रहें।