“प्यार में न बोलने के कारण आखिर कब तक लड़कियों के साथ होती रहेगी हिंसा?” – पीयूष सिंह पटेल
एंटी करप्शन एंड क्राइम कंट्रोल कमेटी के छात्र सेल के राष्ट्रीय अध्यक्ष पीयूष सिंह पटेल ने कहा साक्षी, श्रध्दा या निकिता। हम रोज ऐसे न जाने कितने ही चीखों को सुनने हैं और टीवी न्यूज़ चैनल्स पर देखने और अपनी-अपनी सहानुभूति प्रकट करने के आदि हो चुके हैं। ना जाने कितनी ही नन्ही चिड़िया अपना घरौंदा छोड़कर जा चुकी हैं। वहीं दूसरी ओर आज भी ‘ओ री चिरैया नन्ही सी चिड़िया अंगना में फिर आ जा रे’ की गुंज हमारे कानो में गुंजती है। इस गाने के एक -एक शब्द अब कानों को चुभने लगी है।
प्यार में रीजेक्शन और लड़की की जान खतरे में
छात्र सेल के राष्ट्रीय अध्यक्ष पीयूष सिंह पटेल ने कहा कि हाँ, हाँ मैं कहता हूँ कि ये शब्द मेरे कानों को चुभता है। नहीं आना चाहती है, वो चिड़िया इस नर्क में जहाँ न जाने कितने गिद्ध उसके शिकार को नजरे गड़ाए बैठे हैं। अरे जिस लड़की को तुमने इतनी बुरी तरह मौत दे दी, जिसे तुमने टुकड़ों में तब्दील कर दिया वो लड़की किसी की पुरी जिंदगी थी।
जिस माँ- बाप ने उसके लिए खुद के जीवन में आने वाले कितने सुख सुविधाओं को कुर्बान किया, तुझे उस पर चाकु से इस बेरहमी से वार करते हुए तनिक भी हाथ ना कांपा। क्या कहूँ मैं, तुझे बस इतना ही कहना है कि तुझ जैसे इंसान के रूप में साक्षात राक्षस होते हैं। ऐसे लोगों को प्यार, शब्द, हया जैसे शब्दों से कोई लेना देना ही नहीं होता। तुम्हें प्यारी होती है तुम्हारी जिद्द, जिद्द और केवल जिद्द।