सरगना ने बिहार के मुंगेर से बुलाए थे कारीगर, दो राज्यों में 100 से अधिक अवैध पिस्टल बेचीं
आगरा । मैनपुरी के सिरसागंज चौराहे पर किराये के मकान में पकड़ी गई अवैध शस्त्र फैक्टरी के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। एसटीएफ द्वारा पकड़े गए सरगना पंकज ने बताया कि जेल में निरुद्ध रहने के दौरान उसकी मुलाकात बिहार के मुंगेर निवासी कारीगरों से हुई थी। छूटने के बाद वह कारीगरों को लेकर आया और अवैध पिस्टल बनवाने लगा। इसके लिए सिरसागंज चौराहा के पास उसने प्रतिमाह 75 हजार रुपये किराये पर मकान ले रखा था।
सिरसागंज चौराहा के पास शनिवार की रात एसटीएफ बिहार, गोरखपुर और आगरा यूनिट की टीम ने दबिश देकर नौ लोगों को गिरफ्तार किया। मौके से पिस्टल, तमंचे और कई अधबनी पिस्टल के पार्ट्स व उपकरण बरामद हुए। एसटीएफ के निरीक्षक ने आयुध अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया है। सरगना पंकज निवासी भोगांव ने बताया कि कुछ माह पहले नकली नोट के मामले में वह पश्चिम बंगाल की जेल में बंद था। इस दौरान जेल में बंद मुंगेर के पिस्टल बनाने वाले कारीगरों से उसकी मुलाकात हुई थी।
जेल से छूटने के बाद पंकज ने मैनपुरी में पिस्टल बनाकर बेचने की तैयारी कर ली। उसने शैलेंद्र निवासी बदनपुर दन्नाहार और मोहर सिंह निवासी गांव ईकरी औंछा के साथ मिलकर मनीष यादव निवासी गांव रठेरा थाना दन्नाहार से उसका सिरसागंज चौराहा स्थित मकान 75 हजार रुपये में किराए पर लिया। सरगना ने करीब पांच लाख रुपये के असलहा बनाने के उपकरण लगाए। बिहार के मुंगेर निवासी मदन शर्मा, सोनू शर्मा और मोहित से अवैध शस्त्र बनवाने लगा। सप्लाई का काम शिवम, सैंकी उर्फ सुमित, ललित उर्फ बीनू किया करते थे। एक पिस्टल करीब 25 हजार रुपये में बेचते थे। मुनाफे का हिस्सा सभी को काम के अनुसार बांट दिया जाता था।
इस गिरोह अब तक बिहार और उत्तर प्रदेश में करीब 100 से अधिक पिस्टल की बिक्री कर चुका है। ये लोग 80 पिस्टल और तैयार कर रहे थे। पुलिस आरोपियों के आपराधिक इतिहास के बारे में जानकारी जुटा रही है।