वर्तमान जैन शासन में दुर्लभ एवं स्मरणीय 79 वर्षीय भीखी बेन संयम मार्ग की दीक्षा
अहमदाबाद । भीखीबेन (शान्ताबेन) धर्मपत्नी स्व.जवाहरलाल चोरड़िया उम्र 79 वर्ष गढ़ सिवाना निवासी अहमदाबाद ने अपने सांसारिक दायित्व को निभाने के बाद आगे के जीवन को सार्थक बनाने के लिए आज जय जयकार के साथ सहर्ष मोक्षमार्गी सयंम जीवन को स्वीकार करने का फैसला किया है, और परिवार के साथ प. पु. गुरुदेव आचार्य श्रीमद विजय रवि शेखर सूरीश्वर म.सा. ने ता. 28/04/2024 को अहमदाबाद में भागवती दीक्षा की आज्ञा प्रदान की। धन्य है ऐसी आत्मा और परिवार को जिन्होंने इस उम्र में भी धर्म की प्रभावना कर समाज में एक कीर्तिमान स्थापित किया है । आप सरल, सहज और धार्मिक प्रवृत्ति का निर्वहन करते हुए आपने सभी सांसारिक रिश्तो तथा अपने पतिदेव की अंतिम समय तक उत्कृष्ट सेवा करके सांसारिक दायित्व निभाया। यह सचमुच प्रेरणादायक है। पति के अवसान के तुरंत बाद, जीवन के अंतिम पड़ाव में संयम ग्रहण करने का निर्णय कोई उत्कृष्ट पुण्य आत्मा ही ले सकती है। आपने जो साहस और दृढ़ता दिखाई है, वह सभी के लिए प्रेरणादायक है। जीवन के अंतिम मनोरथ की ओर अग्रसर पुण्य आत्मा को शत-शत वंदन। आपके जीवन का यह अध्याय सचमुच प्रेरणादायक है। आपने जो त्याग, समर्पण और साहस दिखाया है, वह सभी के लिए अनुकरणीय है। आपके जीवन से हमें प्रेरणा मिलती है कि हम भी अपने जीवन में कर्तव्यों का पालन करते हुए धार्मिक कार्यों में भी भाग लें। आपने पूर्व मे अपनी पुत्री को संयम मार्ग में प्रोत्साहित करके आपने एक सच्ची माँ का कर्तव्य निभाया है। आपके मार्गदर्शन और प्रेरणा से उन्हें जीवन में सही दिशा मिली । आपने पति के अवसान के बाद जो साहस दिखाया है, वह सचमुच प्रेरणादायक है। आपने अपने जीवन का अंतिम पड़ाव भी धार्मिक कार्यों में बिताने का निर्णय लिया है। यह आपके त्याग और समर्पण का प्रतीक है।