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सेवानिवृत्त वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक समूह का 118 वां द्विमसिक व होली स्नेह मिलन नवलखा महल

सेवानिवृत्त वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक समूह का 118 वां द्विमसिक व होली स्नेह मिलन नवलखा महल व सांस्कृतिक केंद्र मे आयोजित हुआ।

उदयपुर । सेवानिवृत्त वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक समूह का 118 वां द्विमसिक व होली स्नेह मिलन नवलखा महल व सांस्कृतिक केंद्र मे आयोजित हुआ। महल का अवलोकन कराते हुए श्रीमद दयानंद सत्यार्थ प्रकाश ट्रस्ट के अध्यक्ष अशोक आर्य ने बताया 10 अगस्त 1882 मेवाड़ महाराणा सज्जन सिंह के अनुरोध पर महर्षि दयानंद उदयपुर पधारें व नवलखा महल (महाराणा का शाही अतिथि गृह) मे 27 फरवरी 1883 तक यानी लगभग साढ़े छह महीने यहां प्रवास किया। पवित्र नवलखा महल में महर्षि दयानंद ने युग प्रवर्तक ग्रंथ सत्यार्थ प्रकाश के लेखन को पूरा किया। आजादी के बाद नवलखा महल राज्य सरकार के अधीन रहा व सन 1992 में उसे सत्यार्थ प्रकाश न्यास को सौंप दिया गया । इसे निरंतर विकसित करते हुए अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का केन्द्र बनाने के प्रयास जारी है । सभी सदस्य वैदिक ऋषि, वेद मंत्र आधारित बाह्य भित्तिका दृश्यावली, प्रेरणा कक्षा में भारत के ख्यातनाम विभूतियों के चित्र, पंच यज्ञ, आर्यावर्त चित्रदीर्घा, घूमता हुआ ग्लास टावर, 16 संस्कार दीर्घा, 3D थिएटर में फिल्म आदि देख कर अभिभूत हुए। महल के मीटिंग हॉल में फरवरी व मार्च में जन्मे सदस्यों का जन्मदिन व विवाह वर्षगांठ मना उनके सुदीर्घ जीवन की मनोकामना की । समारोह के अंत में दिवंगत सदस्य डॉक्टर वी के राजबंशी कि स्मृति में 2 मिनट का मौन रख उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। स्नेह भोज का आयोजन डा.अमृत लाल तापडिया द्वारा किया गया व उनके परिवार के 20 सदस्य सम‍रोह मे शामिल हुए।

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