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Digital Rape : नोएडा के बाद UP के इस शहर में 5 साल की बच्ची से हुआ डिजिटल रेप

Reported By : Padmavat Media
Published : June 15, 2022 3:03 PM IST

Digital Rape : नोएडा के बाद UP के इस शहर में 5 साल की बच्ची से हुआ डिजिटल रेप

Digital Rape in UP : नोएडा में डिजिटल रेप के बाद यूपी के एक और शहर से ऐसी घटना सामने आई है. यूपी के बुलंदशहर में 5 साल की बच्ची से डिजिटल रेप हुआ. आरोपी 17 साल का नाबालिग है. पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. रेप की घटना उस समय हुई जब बच्ची घर से बाहर खेलने गई थी. जानते हैं क्राइम की पूरी घटना.

डिजिटल रेप का मतलब ऑनलाइन रेप या इंटरनेट के जरिए होने वाला दुष्कर्म नहीं है. बल्कि वो घटना जिसमें आरोपी अपने शरीर के दूसरे अंग जैसे उंगली या हाथ या प्राइवेट पार्ट को छोड़ किसी दूसरी वस्तु से रेप को अंजाम दे. वही डिजिटल रेप होता है.

ये घटना उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में हुई. यहां के खुर्जा देहात में रहने वाली 5 साल की बच्ची घर के बाहर खेल रही थी. उसी समय चॉकलेट खिलाने के बहाने 17 साल का नाबालिग लड़का उस बच्ची को अपने साथ ले गया.

इसके बाद बच्ची के प्राइवेट पार्ट से छेड़छाड़ करता था. अपनी उंगलियों से बच्ची से छेड़छाड़ करता था. आरोपी पीड़ित बच्ची का पड़ोसी बताया जा रहा है. पुलिस ने बच्ची को मेडिकल टेस्ट कराया. इसके बाद इस केस में डिजिटल रेप का मामला दर्ज किया और आरोपी को हिरासत में ले लिया.

नोएडा में डिजिटल रेप के आ चुके हैं दो मामले

बता दें कि इससे पहले यूपी के नोएडा में डिजिटल रेप के दो मामले सामने आए थे. एक घटना में बुजुर्ग व्यक्ति ने नाबालिग नौकरानी से कई साल तक डिजिटल रेप किया था. इसके बाद आयकर विभाग के अधिकारी की 3 वर्षीय बेटी के साथ ऐसी घटना हुई. जो बच्ची प्ले स्कूल में पढ़ती है.

क्या है डिजिटल रेप : WHAT IS DIGITAL RAPE?

पुलिस ने बताया कि डिजिटल रेप का मतलब यह नहीं कि किसी लड़की या लड़के का शोषण इंटरनेट के माध्यम से किया जाए. यह शब्द दो शब्द डिजिट और रेप से बना है. अंग्रेजी के डिजिट का मतलब जहां अंक होता है, वहीं अंग्रेजी शब्दकोश के मुताबिक उंगली, अंगूठा, पैर की उंगली, इन शरीर के अंगों को भी डिजिट से संबोधित किया जाता है.

यौन उत्पीड़न जो डिजिट से किया गया हो, तब उसे ‘डिजिटल रेप’ कहा जाता है. दरअसल, डिजिटल रेप से जुड़ी घटनाओं में महिला के प्राइवेट पार्ट में फिंगर्स का इस्तेमाल किया जाता है.

रेप से कितना अलग है डिजिटल रेप?

रेप और डिजिटल रेप में जो सबसे बेसिक फर्क है रिप्रोडक्टिव आर्गन के इस्तेमाल का. वैसे कानून की नजर में रेप तो रेप है उसमें कोई फर्क नहीं है. 2012 से पहले डिजिटल रेप छेड़छाड़ के दायरे में था. लेकिन निर्भया केस के बाद इसे रेप की कैटेगरी में जोड़ा गया.

निर्भया कांड के बाद मिला कानूनी दर्जा

दिसंबर 2012 में दिल्ली में निर्भया कांड के बाद यौन हिंसा से जुड़े कानूनों की समीक्षा की गई. भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति वर्मा की अध्यक्षता वाली समिति ने सुझाव दिए. इनमें से कई को अपनाकर दशकों पुराने कानून को बदल दिया गया. 2013 में, जबरन लिंग-योनि प्रवेश को शामिल करने के लिए बलात्कार की परिभाषा का विस्तार किया गया था.

नई परिभाषा के अनुसार किसी भी महिला की मर्जी के खिलाफ या सहमति के बगैर उसके शरीर में अपने शरीर का कोई अंग डालना रेप है. उसके निजी अंगों को पेनेट्रेशन के मकसद से नुकसान पहुंचाना रेप है. इसके अलावा ओरल सेक्स भी बलात्कार की श्रेणी में आता है.

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