Padmavat Media
ताजा खबर
टॉप न्यूज़राजस्थान

राजस्थानी विभाग, मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय, उदयपुर कांनी सूं “हेलो मायड़ भासा रौ” भोळावणी उच्छब रौ आयोजन

राजस्थानी विभाग, मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय, उदयपुर कांनी सूं “हेलो मायड़ भासा रौहेलो मायड़ भासा रौ” भोळावणी उच्छब रौ आयोजन

उदयपुर । राजस्थानी विभाग द्वारा अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के उपलक्ष्य में 21 फरवरी 2024 को “हेलो मायड़ भासा रौ” भोळावणी उच्छब का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत में विभाग के प्रभारी-अध्यक्ष डॉ सुरेश सालवी ने अतिथियों का स्वागत करते हुए राजस्थानी भाषा के उद्भव, विकास एवं साहित्य पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ मुकेश कुमार मीणा ने मातृभाषा के महत्व को बताते हुए आज के समय में लोक से दूर होती मातृभाषा पर चिंता व्यक्त करते हुए युवा पीढ़ी को मातृभाषा के प्रति जागरूक रहते हुए इसके विकास के बारे में बताया। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डॉ दर्शना जैन ने मातृभाषा के दार्शनिक पक्ष को उजागर किया साथ ही विशिष्ट अतिथि डॉ सीमा शर्मा ने मातृभाषा के प्राचीन स्वरूप से अवगत कराते हुए इसका महत्व बताया। शोधार्थी जगदीश गुर्जर ने राजस्थानी भाषा की बोलियों, मान्यता एवं इससे युवा पीढ़ी को मिलने वाले रोजगार के बारे में बताया साथ ही नारायण लाल सालवी ने भाषा को अपने व्यवहार में उतारने की बात कही। छात्र गगन कुमार दर्जी ने केसरी सिंह बारहठ का सोरठा सुनाते हुए मातृभाषा पर अपनी बात की। छात्र ईशान ने राजस्थानी भाषा के उद्धव को बताते हुए कहा कि अंग्रेजी शासन में भी राजस्थानी भाषा एक स्वतंत्र भाषा थी अतः इसकी मान्यता मिलना जरूरी है, छात्र हर्षित ने मेवाड़ी बोली पर अपनी बात करी। छात्र नेता युधिष्ठिर व्यास ने राजस्थानी भाषा के महत्व पर चर्चा की। छात्र अजय नागदा ने कहा कि भाषाओं के मध्य समन्वय जरूरी है कोई भी भाषा एक दूसरे की विरोधी नहीं है, छात्रा बेबी ईल्मा ने राजस्थानी भाषा के विकास संबंधी विचार रखें। छात्र नेता समीर मेघवाल ने अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर अपने विचार प्रस्तुत किए। डॉ नीतू परिहार (हिंदी विभागाध्यक्ष) ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मानव के जीवन में नैतिक मूल्यों के विकास में मातृभाषा के महत्व को बताते हुए कहा कि अगर हम अपनी मातृभाषा से दूर होंगे तो हम अपनी संस्कृति एवं सभ्यता से अलग हो जाएंगे एवं हम अपनी वास्तविक पहचान खो देंगे। उन्होंने बताया की मातृभाषा ही है जो लोक को आपस में बांधे रखती हैं और यह व्यक्ति के संपूर्ण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है अतः हमें अपनी मातृभाषा को बोलने में गर्व की अनुभूति होनी चाहिए। कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ लोकेश राठौड़ ने किया।

Related posts

एंटी करप्शन एंड क्राइम कंट्रोल कमेटी की मीनाक्षी जैन बनी महिला सेल की सदस्य

Padmavat Media

जनजाति सुरक्षा मंच का उद्देश्य धर्मान्तरित व्यक्तियों को अनुसूचित जनजातियों की सूची से बाहर किया जाय

Padmavat Media

फिल्म निर्देशक रवि टंडन ने दुनिया को कहा अलविदा, बेटी रवीना टंडन ने लिखा ऐसा नोट कि फैंस भी हो गए इमोशनल

Padmavat Media
error: Content is protected !!