अब सिर्फ भगवान दास नहीं… कहिए डॉ. भगवान दास!
राजसमंद का बेटा बना राष्ट्रीय गौरव — मिली मानद डॉक्टरेट उपाधि
नई दिल्ली/राजसमंद | राजसमंद की पावन धरती के लाल भगवान दास ने पूरे जिले का नाम रोशन कर दिया है। वर्षों से समाजसेवा, सामाजिक न्याय और मानव अधिकारों के लिए संघर्षरत भगवान दास को अब ‘डॉ. भगवान दास’ के नाम से जाना जाएगा। भारत सरकार के नीति आयोग द्वारा मान्यता प्राप्त प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय संस्था आइकॉनिक पीस अवार्ड काउंसिल, नई दिल्ली ने उन्हें सामाजिक सेवा, न्याय और शांति के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान हेतु मानद डॉक्टरेट (ऑनोरिस कौसा) उपाधि से सम्मानित किया है।
यह उपाधि केवल एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि उन तमाम आवाज़ों की जीत है जो वर्षों से बदलाव और बराबरी की लड़ाई लड़ रही हैं — और जिनकी आवाज़ बनकर डॉ. भगवान दास हमेशा अग्रिम पंक्ति में खड़े रहे।
कौन हैं डॉ. भगवान दास?
डॉ. भगवान दास एंटी करप्शन एंड क्राइम कंट्रोल कमेटी के राजसमंद जिला युवा सेल के महासचिव हैं और साथ ही पदमावत मीडिया के जिला संवाददाता के रूप में निष्पक्ष, निर्भीक और जनपक्षीय पत्रकारिता की मिसाल बन चुके हैं।
वे एक ऐसे कर्मठ युवा हैं, जो भ्रष्टाचार, अपराध, अन्याय और सामाजिक विसंगतियों के विरुद्ध जागरूकता की अलख जगाने में वर्षों से जुटे हुए हैं। जनहित को सर्वोपरि रखते हुए, उन्होंने अपनी कलम और कर्म दोनों को जनसेवा के लिए समर्पित कर दिया है।
सम्मान के बाद बोले डॉ. भगवान दास — “यह मेरी नहीं, समाज की जीत है”
मानद डॉक्टरेट मिलने के बाद अपने विचार साझा करते हुए डॉ. भगवान दास ने कहा —
“यह उपाधि मेरी नहीं, बल्कि उस हर उस व्यक्ति की जीत है, जो अन्याय, भेदभाव और शोषण का शिकार है। जब तक अन्याय रहेगा, तब तक मेरी कलम और मेरा कर्म भी मैदान में रहेगा। यह उपाधि मुझे और भी ज़्यादा ज़िम्मेदार बनाती है।”
राजसमंद से राष्ट्रीय स्तर तक — प्रेरणा की मिसाल
गांव की गलियों से शुरू हुआ यह सफर अब अंतरराष्ट्रीय मंच तक पहुँच चुका है। डॉ. भगवान दास की यह उपलब्धि न केवल राजसमंद जिले बल्कि पूरे राजस्थान और देश के युवाओं के लिए प्रेरणा है कि अगर इरादे नेक हों और नीयत साफ हो, तो कोई मंज़िल दूर नहीं।
पदमावत मीडिया परिवार की ओर से डॉ. भगवान दास को कोटिशः बधाई, अभिनंदन और शुभकामनाएं।
आपकी यह ऐतिहासिक उपाधि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनकर चमके — यही कामना है।
अब सिर्फ भगवान दास नहीं… कहिए डॉ. भगवान दास!
Published : April 15, 2025 11:19 PM IST
Updated : April 15, 2025 11:20 PM IST