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उदयपुर की स्वच्छता और पर्यटन की छवि पर संकट: पर्यटन हितधारकों व आम शहरियों ने विधायक ताराचंद जैन को सौंपा मांग-पत्र और चर्चा की 

Reported By : Padmavat Media
Published : May 21, 2025 2:49 PM IST

उदयपुर की स्वच्छता और पर्यटन की छवि पर संकट: पर्यटन हितधारकों व आम शहरियों ने विधायक ताराचंद जैन को सौंपा मांग-पत्र और चर्चा की 

खुले कचरा स्थलों और आवारा पशुओं की गंभीर समस्या पर पर्यटन हितधारकों ने उठाई आवाज, स्थायी समाधान की माँग की

उदयपुर । झीलों की नगरी उदयपुर, जो विश्वभर में अपनी सुंदरता और स्वच्छता के लिए जानी जाती है, आज खुले कचरा स्थलों और आवारा पशुओं की समस्या से जूझ रही है। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए पर्यटन हितधारकों ने शहर की स्वच्छता और पर्यटन की गरिमा को बचाने के लिए एक मजबूत पहल करते हुए उदयपुर विधायक ताराचंद जैन को एक विस्तृत मांग-पत्र सौंपा है। हितधारकों ने विधायक से समस्या पर विस्तृत चर्चा की एवं सुझाया कि अगर नगरनिगम कार्य करने में असक्षम है तो पर्यटन हितधारक यह काम कर दें इसकी अनुमति लिखित में जारी हो । सभी पर्यटन हितधारकों ने बीजेपी जिलाध्यक्ष गजपाल सिंह राठौड़ से भी मुलाक़ात व चर्चा की एवं उन्हें भी पत्र सौंपा। 

पर्यटन विशेषज्ञ और बीसीआई टूरिज्म के अध्यक्ष यशवर्धन राणावत द्वारा दिए गए इस पत्र में स्पष्ट रूप से बताया गया है कि स्वरूप सागर नया पुल (पूर्व सांसद एवं विधायक कैलाश मेघवाल जी के निवास के समीप), अंबापोल, ब्रह्मपोल और सहेली नगर जैसे कई क्षेत्रों में खुले कचरे के ढेर वर्षों से जमा हैं और यह अब अस्थाई कचरा जमावड़ा केंद्र बन गए हैं । ये स्थान अब आवारा गायों, सूअरों और कुत्तों के स्थायी भोजन स्थल बन चुके हैं, जिससे शहर की स्वच्छता, नागरिक सुरक्षा और पर्यटन छवि तीनों पर गहरा आघात पहुँच रहा है। गौ-माता का कचरा चरना और थैलियाँ इत्यादि खाना आम तौर पर उदयपुर शहर में सभी तरफ़ देखा जा सकता है । 

पत्र में यह भी उल्लेख किया गया कि इन स्थलों के कारण आवारा कुत्तों के हमलों और गाय-बैलों द्वारा पर्यटकों एवं नागरिकों को घायल करने की घटनाएँ लगातार बढ़ रही हैं। सबसे चिंताजनक बात यह है कि ये स्थान शहर के प्रमुख पर्यटन स्थलों के निकट हैं, जहाँ देशी-विदेशी पर्यटक प्रतिदिन आते हैं और इन भयावह दृश्यों को कैमरे में कैद कर ले जाते हैं, जिससे उदयपुर की वैश्विक छवि धूमिल हो रही है।

राणावत ने बताया कि नगर निगम और जिला प्रशासन को कई बार इस दिशा में निवेदन किया गया, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई सामने नहीं आई है। ऐसे में अब जनप्रतिनिधियों से सीधी अपेक्षा की जा रही है कि वे इस समस्या को प्राथमिकता में लेते हुए स्थायी समाधान की दिशा में निर्णायक कदम उठाएं।

पर्यटन हितधारकों ने व बीसीआई टूरिज्म ने आशा जताई है कि विधायक ताराचंद जैन अपने प्रभावशाली नेतृत्व में इस लंबे समय से उपेक्षित समस्या का समाधान सुनिश्चित करेंगे, जिससे उदयपुर एक बार फिर स्वच्छ और सुरक्षित पर्यटन गंतव्य के रूप में प्रतिष्ठित हो सकेगा। बैठक व चर्चा के दौरान पर्यटन विशेषज्ञ और बीसीआई टूरिज्म अध्यक्ष यशवर्धन राणावत, पर्यटन हितधारक आदित्य सिंह, सुल्तान सिंह देओल, रमेश दोषी, ब्रिगेडियर हर्षवर्धन सिंह, संयम जैन, अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार सुरक्षा संगठन के संभागीय अध्यक्ष विकास गौड़, अभिनव सिंह परिहार, बीसीआई टूरिज्म सचिव प्रद्युमन सिंह, शक्ति सिंह इंडा एवं आशीष रामस्नेही उपस्थित थे । गौरतलब है कि पूर्व में राणावत की अध्यक्षता में सभी हितधारकों ने सांसद मन्नालाल रावत, जिला कलेक्टर नमित मेहता और नगर निगम आयुक्त रामप्रकाश के समक्ष भी यह मुद्दा रख कर चर्चा की थी एवं पत्र दिए थे। जनसुनवाई में भी यह मुद्दा हितधारकों द्वारा उठाया गया है । अब देखना है की नगरनिगम धरातल पर वाकई कुछ करता है या लीपा-पोती कर सिर्फ पर्यटन हितधारकों को परेशान करने हेतु कई प्रकार के नोटिस ही देता है ।

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