निंबला तालाब को बचाने के लिए ग्रामीणों की आवाज़, अतिक्रमण हटाने और सौंदर्यीकरण की उठी मांग
सिरोही । जिले की ग्राम पंचायत पाड़ीव के अंतर्गत आने वाला निंबला तालाब आज अतिक्रमण और अवैध निर्माण के संकट से जूझ रहा हैं। जिस तालाब ने वर्षों तक गांववासियों की प्यास बुझाई, किसानों को सिंचाई का साधन दिया और प्रकृति के संतुलन को बनाए रखा, वह अब धीरे-धीरे अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा हैं। गांव के जागरूक नागरिकों ने इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए पंचायत राज मंत्री ओटाराम देवासी को ज्ञापन सौंपा और तालाब को कब्ज़ा मुक्त कराने के साथ-साथ इसके सौंदर्यीकरण की मांग की। ग्रामीणों ने स्पष्ट किया कि यदि इस ऐतिहासिक जलस्रोत को नहीं बचाया गया, तो आने वाली पीढ़ियों के लिए यह केवल एक भूली-बिसरी कहानी बनकर रह जाएगा।
सुरेश पुरोहित के नेतृत्व में ज्ञापन सौंपने आए ग्रामीणों ने बताया कि तालाब की तलहटी पर अतिक्रमणकारियों ने अवैध निर्माण कर तालाब की प्राकृतिक संरचना को नुकसान पहुंचाया है। जहां कभी दूर-दूर से पक्षी पानी पीने और ठहरने आते थे, अब वहां पक्के निर्माण और कंटीली झाड़ियों ने जगह घेर ली हैं।तालाब का जलग्रहण क्षेत्र सिकुड़ता जा रहा हैं और बारिश के पानी का समुचित संरक्षण नहीं हो पा रहा। ग्रामीणों ने कहा कि यदि तालाब को जल्द से जल्द कब्ज़ा मुक्त नहीं किया गया और इसके सौंदर्यीकरण के लिए ठोस योजना नहीं बनाई गई, तो यह जलस्रोत पूरी तरह से समाप्त हो जाएगा। उन्होंने मंत्री से अनुरोध किया कि तालाब के सौंदर्यीकरण हेतु विशेष बजट आवंटित किया जाए और इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाए।
ग्रामीणों का मानना हैं कि अगर निंबला तालाब को सुव्यवस्थित किया जाए तो यह केवल जल संरक्षण का माध्यम नहीं रहेगा, बल्कि गांव के लोगों के लिए एक आकर्षक पर्यटक स्थल भी बन सकता है।इसके लिए उन्होंने कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए, जैसे—तालाब के चारों ओर छायादार वृक्ष लगाए जाएं, घाटों का निर्माण किया जाए, बैठने के लिए विश्राम स्थल बनाए जाएं, स्वच्छता अभियान चलाया जाए और तालाब में जल संरक्षण की प्रभावी योजना लागू की जाए। इसके अलावा, ग्रामीणों ने सुझाव दिया कि तालाब के किनारे एक हरा-भरा बगीचा बनाया जाए ताकि गांव के लोग वहां घूमने आ सकें और बच्चों के लिए खेलकूद की भी व्यवस्था हो।
ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन जल्द से जल्द इस दिशा में ठोस कदम नहीं उठाता, तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन करेंगे और तालाब को बचाने के लिए संघर्ष करेंगे। पंचायत राज मंत्री ओटाराम देवासी ने ज्ञापन स्वीकार करते हुए ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि इस मामले में जल्द कार्रवाई होगी और प्रशासन को निर्देश दिए जाएंगे कि वे तालाब की स्थिति का सर्वेक्षण कर इसके संरक्षण और सौंदर्यीकरण के लिए कार्ययोजना तैयार करें। मंत्री के इस आश्वासन के बाद अब गांव के लोगों को उम्मीद बंधी है कि सरकार जल्द ही इस ऐतिहासिक जलस्रोत को पुनर्जीवित करने के लिए कदम उठाएगी। ग्रामीणों की इस एकजुटता ने यह साबित कर दिया है कि यदि लोग अपने अधिकारों और विरासत की रक्षा के लिए संगठित होकर आगे बढ़ें, तो बदलाव निश्चित रूप से संभव है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस दिशा में कितनी तेजी से कदम उठाता है और निंबला तालाब को बचाने की इस मुहिम में कितनी गंभीरता दिखाता हैं।