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अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर महिला सशक्तिकरण के लिए नया साल- लक्ष्मी ठाकुर नाथद्वारा 

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर महिला सशक्तिकरण के लिए नया साल- लक्ष्मी ठाकुर नाथद्वारा 

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर महिला सशक्तीकरण की बात करें तो महिलाओं को अपने हक के लिए पहले खुद से लड़ना होगा, ताकि वह दुनिया से लड़ने में मजबूत हो सके। आपको यह स्वीकार करना चाहिए कि आप आत्मसम्मान बनाए रखने के लिए जीवन में सशक्त हैं। महिलाओं के रूप में लिया जाने वाला पहला महत्वपूर्ण कदम आत्मविश्वास बढ़ाकर आत्मसम्मान हासिल करना, अपना महत्व समझना एवं अपनी देखभाल कर अपना सम्मान करना है। आत्मसम्मान के विकास में अपनी अंदरूनी शक्ति को प्रभावशाली विचारों से सजाना है

शिक्षा स्वयं एवं अन्य महिलाओं को सशक्त बनाने के सबसे महत्वपूर्ण माध्यमों में से एक है। शिक्षा, कौशल एवं आत्मविश्वास विकास की प्रक्रिया के महत्वपूर्ण अंग हैं। शिक्षा महिलाओं को चयन करने की शक्ति देती है, जिससे उनका कल्याण, स्वास्थ्य, बच्चों की शिक्षा सुनिश्चित होती है एवं सतत परिवारों का विकास होता है। साथ ही शिक्षा महिलाओं को अपने अधिकारों के प्रति जागरुक बनाती है, उनका आत्मविश्वास बढ़ाती है और उन्हें अपने अधिकार हासिल करने का अवसर देती है।

आज की व्यस्त दुनिया में महिलाओं को एक सुरक्षित भविष्य के लिए फाईनेंशल प्लानिंग करना आवश्यक है। महिलाएं पुरुषों के मुकाबले आर्थिक जगत में कम समय तक काम करती हैं, इसलिए उनकी बचत/निवेश भी कम होते हैं। जीवन में तरक्की के लिए महिलाओं को आर्थिक जगत में अपनी पैठ को बढ़ाना होगा। घर की महिला द्वारा अपने फाईनेंस की ठोस प्लानिंग से परिवार का फाईनेंशल प्लान मजबूत होता है और जीवन के महत्वपूर्ण खर्चों, जैसे घर खरीदना, बच्चों की उच्च शिक्षा की योजना आदि के खर्चों को पूरा करने में मदद मिलती है। फाईनेंशल प्लानिंग महिलाओं को किसी पर भी निर्भरता के बिना अपनी व्यक्तिगत एवं प्रोफेशनल महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए भी महत्वपूर्ण है। लाईफ इंश्योरेंस अच्छी फाईनेंशल प्लानिंग का पहला कदम है। महिलाओं को इंश्योर्ड भविष्य के लिए बच्चों की इंश्योरेंस, हैल्थ इंश्योरेंस प्लांस, म्यूचल फंड आदि में भी निवेश करना चाहिए।

महिलाओं को एक सशक्त जिंदगी जीने के लिए अन्य जरूरतों, जैसे महिलाओं के स्वास्थ्य, हाईज़ीन व सेहत का ख्याल रखना भी जरूरी है। खराब स्वास्थ्य व हाईज़ीन से अनेक समस्याएं उत्पन्न होती हैं। महिलाओं को अपनी सेहत को अधिक ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि आज की महिला स्वस्थ है तो आने वाला कल स्वस्थ होगा। इसलिए हर महिला को एक संतुलित आहार एवं नियमित वर्कआउट, व्यायाम करना तथा एक सेहतमंद जीवनशैली अपनाना आवश्यक है।

महिलाओं के साथ हो रहे अपराधों की बात करें तो, अनेक अपराध दर्ज ही नहीं हो पाते हैं क्योंकि महिलाओं को अपने अधिकारों का ही पता नहीं है। बढ़ते अपराधों पर लगाम लगाने के लिए जरूरी है कि आप अपने कानूनी अधिकारों को जानें। भारतीय संविधान महिलाओं को अनेक अधिकार प्रदान करता है, जैसे मैटरनिटी बेनेफिट्स एक्ट, सैक्सुअल हैरासमेंट ऑफ वूमैन एट वर्कप्लेस, प्रोटेक्शन ऑफ वूमैन फ्रॉम डोमेस्टिक वाॅयलेंस, प्रोहिबिशन ऑफ चाईल्ड मैरेज़ एक्ट। मां , पत्नी, बेटी, कर्मचारी या महिला के रूप में ये अधिकार आपकी सुरक्षा के लिए बनाए गए हैं और आपको अपने अधिकार मालूम होने चाहिए। महिलाओं की स्थिति में सुधार लाने के लिए एक दिन पर्याप्त नहीं। महिला दिवस हमें केवल यह याद दिलाता है कि महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए हम सभी को कहीं न कहीं से शुरुआत करनी होगी। हम आज Women’s of Tomorrow की थीम के साथ अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मना रहे हैं। महिलाओं को लैंगिक भेदभाव के बिना हर क्षेत्र में एक समान अवसर दिए जाने चाहिए।

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