गुप्ता जी जल्दबाजी में बिना हेलमेट के ही सङक पर निकल आए।
थोङी दूर जाते ही एक पुलिस वाले ने पकङ लिया औऱ लगा चालान काटने।
बहुत खुशामद करने पर 100 रुपये में मामला जाकर शांत हुआ।
फिर गुप्ता जी को ध्यान आया कि आगे भी तो चौराहे हैं।कहीं और पकड़ा गया तब फ़िर चूना लग जाएगा सुबह सुबह…..!
सिपाही से उन्होंने बहुत मासूमियत से पूछा कि आगे कोई पकड़ लेगा तो वो क्या करेंगे।उनकी बात सुनकर सिपाही बोला….अगर आगे कोई रोके तो बोल देना कि पिछले चौराहे पर ” जूस पिला दिया है “।
आगे दो तीन चौराहों पर उन्हें रोका गया लेकिन हर बार गुप्ता जी ने कहा कि उन्होंने पिछले चौराहे पर ” जूस पिला दिया है “।
गुप्ता जी को हर जगह छोड़ दिया गया औऱ वे आराम से निकल गए ।गुप्ता जी मन ही मन बहुत खुश हुए मानो उनकी लॉटरी निकल गई हो….!
इत्तेफाक से तीन चार दिन बाद गुप्ता जी फिर बिना हेलमेट के निकल गए…सोचा फार्मूला तो मालूम ही है,काम चल जाएगा,अब डरने की क्या जरूरत है….।
जैसे ही पहले चौराहे पर पुलिस ने गाड़ी रोकी ,उन्होंने ठाठ से कहा—पीछे चौराहे पर” जूस पिला दिया है “।
पुलिस वाला यह सुनकर पहले तो बहुत जोर से हंसा औऱ फ़िर बोला…पकड़े गये बरखुरदार ,आज जूस नहीं, ” लस्सी पिलाना था “,अब चलो माल निकालो…” तुम जैसे झूठे औऱ मक्कार लोगों के कारण ही हमें रोज अपना पेय पदार्थ बदलना पड़ता है….साला…ईमानदारी का ज़माना ही नहीं है इस दौर में..देश में असली भ्रष्टाचार के लिए तुम जैसे लोग ही पूर्ण रूप से जिम्मेदार हैं….”……..
फ़िर जैसे तैसे गुप्ता जी ने कुछ दे लेकर अपनी जान बचाई……!!