दिल्ली की अदालत ने कड़ी नाराजगी जताई, व्यवहार के प्रति सावधान रहने की चेतावनी दी।
दिल्ली : सीबीआई अदालत ने 1994 के तिहरे हत्याकांड के आरोपी पंजाब के पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी को सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनवाई के दौरान बिस्तर पर लेटे पाने पर कड़ी नाराजगी जताई। अदालत ने सैनी को भविष्य में अपने व्यवहार के प्रति सावधान रहने की चेतावनी दी है।
विशेष सीबीआई न्यायाधीश संजीव अग्रवाल ने सुमेध सैनी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यवाही में भाग लेने के दौरान भविष्य में अपने व्यवहार के प्रति सावधान रहने और अदालत की मर्यादा बनाए रखने का निर्देश दिया है। अदालत ने सैनी के उस तर्क को खारिज कर दिया कि वह अस्वस्थ हैं और बुखार से पीड़ित हैं। अदालत ने कहा कि पंजाब के पूर्व पुलिस प्रमुख ने इस संबंध में कोई मेडिकल सर्टिफिकेट पेश नहीं किया है।
सुनवाई के दौरान अदालत ने पाया कि सुमेध कुमार सैनी वीसी के माध्यम से कार्यवाही में बिस्तर पर लेटे हुए शामिल हुए। अदालत के पूछने पर सैनी ने बताया कि उनकी तबीयत ठीक नहीं है और बुखार है। अदालत ने कहा कि आरोपी ने इस संबंध में कोई चिकित्सा प्रमाण पत्र प्रस्तुत नहीं किया है और न ही दस्तावेज दाखिल किया गया है। ऐसे में वे आरोपी को वीसी के माध्यम से कार्यवाही/अदालत में उपस्थित होने के दौरान भविष्य में अपने व्यवहार के प्रति सावधान रहने और अदालत की मर्यादा बनाए रखने की चेतावनी दी जाती है।
अवैध रूप से हिरासत में लेने का आरोप
सैनी और तीन अन्य पुलिसकर्मियों पर 1994 के मामले में सीबीआई ने अपहरण और हत्या का आरोप लगाया है। 15 मार्च 1994 को लुधियाना के व्यवसायी विनोद कुमार, उनके बहनोई अशोक कुमार और उनके ड्राइवर मुख्तियार सिंह को कथित तौर पर लुधियाना के तत्कालीन एसएसपी सैनी की संलिप्तता के साथ अपहरण और अवैध रूप से हिरासत में लिया गया था। उनके परिवारों ने आरोप लगाया पुलिस ने उनकी हत्या कर दी। हालांकि शव कभी नहीं मिले।
परिवारों ने दावा किया था कि सैनी के कहने पर उनके परिजनों का अपहरण किया गया था। पंजाब – हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश पर सैनी और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। 2004 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा केस दिल्ली स्थानांतरित कर दिया गया था।