Baran: जिले के अस्पतालों में ऑक्सीजन (Oxygen) की कमी से जान गंवाने वालों के परिजनों के आंसू अभी तक थमे नहीं है. उधर, केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री मनसुख मांडविया (Mansukh L. Mandaviya) ऑक्सीजन की कमी से देश में एक भी मौत नहीं होने का दावा कर रहे हैं.
बारां शहर के नलका निवासी शिप्रा नागर की तबीयत बिगड़ने पर बारां जिला अस्पताल में भर्ती किया था. सुधार नहीं होने पर कोटा रैफर किया गया. नलका निवासी शिक्षक विमल नागर (Vimal Nagar) ने बताया कि कोटा मेडिकल कॉलेज (Kota Medical College) में उपचार के दौरान पत्नी शिप्रा नागर (36) तबीयत में सुधार हो रहा था.
19 अप्रैल की शाम को मैरिज एनिवर्सरी (Marriage anniversary) होने पर बच्चों ने वीडियो कॉल पर बधाइयां दी. तबीयत में सुधार होने से सभी खुश थे. रात करीब 9 बजे राउंड पर आए डॉक्टर ने एक-दो दिन में डिस्चार्ज करने की बात कही थी. रात करीब एक बजे शिप्रा का ऑक्सीजन लेवल एकदम से डाउन हो गया. ड्यूटी डॉक्टर को बुलाकर लाए, तो वो प्वाइंट से ऑक्सीजन प्रेशर बढ़ाकर चले गए. फिर भी शिप्रा तड़पती रही. फिर दुबारा डॉक्टर को बुलाकर लौटे, तो वार्ड में बेडों पर मरीज तड़प रहे थे.
ऑक्सीजन की कमी से 2 की मौत
कर्मचारियों ने कहा कि नीचे से ऑक्सीजन बंद हो गई है. पत्नी आंखों के सामने तड़प रही थी. करीब तीन बजे दर्दनाक मृत्यु हो गई. करीब साढ़े 3 बजे ऑक्सीजन सप्लाई सुचारू हो सकी. तब तक वार्ड में ऑक्सीजन की कमी से दो जनों की मृत्यु हुई थी. सुबह डॉक्टर ने कहा था कि रातभर में करीब 25 जनों की अस्पताल मृत्यु हुई है. यह कहते-कहते विमल की आंखों से आंसू आ गए. विमल के 17 वर्षीय बेटी और 14 वर्षीय बेटा है. मां की मृत्यु के बाद बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल है.