महिलाओं के कपड़े पहन ट्रक ड्राइवरों को करते थे अश्लील इशारे, जाल में फंसाने वालों को पुलिस ने फिल्मी स्टाइल में धरा
उदयपुर : नेशनल हाईवे ऐसे कई गैंग सक्रिय हैं जो महिलाओं को कपड़े पहन कर वाहन चालकों को अपने जाल में फंसाते हैं और फिर उनके साथ मारपीट करके लूटपाट करते हैं। उदयपुर जिले की गोवर्धन थाना पुलिस ने ऐसी ही गैंग के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है। इन आरोपियों के कब्जे से महिलाओं के कपड़े जब्त किए हैं। गैंग के सदस्य ट्रक चालकों को अश्लील इशारे करते हैं और उन्हें शारीरिक संबंध बनाने का झांसा देते हैं। जैसे ही कोई ट्रक चालक इनके जाल में फंसता है तो 8-10 बदमाश उस ट्रक चालक को घेर कर मारपीट करते हैं और लूट की वारदात को अंजाम देते हैं। गोवर्धन थाना पुलिस ने मेघा मीणा, शंकर मीणा और सोमा मीणा को गिरफ्तार किया है।
ट्रक ड्राइवर बनकर पुलिस ने दबोचा
महिलाओं के कपड़े पहनकर लूटपाट करने वाली गैंग को पकड़ने के लिए पुलिस टीम को ट्रक चालक बनना पड़ा। गोवर्धन विलास थाना प्रभारी संजीव, टीडी थाना प्रभारी कमलेन्द्र सिंह और उनकी टीम ने ट्रक ड्राइवर बनकर इस वारदात का खुलासा किया। पुलिसकर्मी ट्रक में सवार होकर हाईवे पर निकले। इस दौरान रात के अंधेरे में हाईवे पर महिला के कपड़े पहने हुए एक व्यक्ति दिखाई दिया। दूसरे व्यक्ति ने ट्रक पर टॉर्च की रोशनी डालते हुए रुकने का इशारा किया। इस दौरान ट्रक रोककर पुलिसकर्मियों ने 3 बदमाशों को दबोच लिया जबकि 5-6 बदमाश अंधेरे का फायदा उठाकर भागने में कामयाब रहे। पुलिस का कहना है कि आरोपियों ने 15 से 20 वारदातों को अंजाम देना स्वीकार किया है।
ऐसे हुआ इस गैंग का खुलासा
दरअसल 21 मई को एक ट्रक चालक मस्तराम मीणा ने गोवर्धन विलास थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। मस्तराम ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि 24 मई को वह उदयपुर से मोरबी गुजरात ट्रक लेकर जा रहा था। रास्ते में खरपीणा रोड़ पर सड़क किनारे महिला के लिबास में खड़ा कोई दिखाई दिया और एक साथी ने टॉर्च की रोशनी से ट्रक रोकने का इशारा किया। जैसे ही मस्तराम ने ट्रक को रोका तो 8-10 बदमाश अचानक ट्रक में चढे और चालक खलासी के साथ मारपीट कर 20 हजार रुपए, चांदी की चेन और पर्स लूट कर फरार हो गए।
रिपोर्ट दर्ज होने के बाद पुलिस ने हाईवे पर स्थित कई होटल और ढाबा संचालकों से पूछताछ की। बाद में इस गिरोह को दबोचने के लिए ट्रक ड्राइवर बनकर वारदात का खुलासा किया। वारदात का खुलासा करने में सहायक उप निरीक्षक देवीलाल, हेड कांस्टेबल गणेश सिंह, कॉन्स्टेबल दिनेश, भगवती लाल, राजेंद्र कुमार और शैतान राम की अहम भूमिका रही।