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अगर आपको कभी इंटरनेट पर ठगा गया है, तो ये वेब सीरीज़ आपको पसंद आएगी

इंटरनेट की क्रांति युग में साइबर अपराध भी हर दिन हर-रात बढ़ रहे हैं। ओटीटी प्लेटफार्म वूट पर हाल ही में रिलीज़ हुई वेब सीरीज़ साइबर वार! इस सीरीज़ की पटकथा मुंबई महानगरों में होने वाले साइबर अपराध पर केंद्रित है।

क्या हैं साइबर अपराध?

साइबर अपराध को अंजाम देने वाले लोगों ने डिजिटल क्रांति का दुरूपयोग करते हुए, बैंकिंग स्कैम, फेक अकाउंट, फेक आईडी, और किसी के फोन पर “एक के साथ एक फ्री” पचास प्रतिशत डिस्काउंट” जैसे ऑफर के साथ लिंक भेज कर उनके फोन की सारी डिटेल्स हैक कर लेना, आज साइबर अपराध बन चुका है।

साइबर अपराध इतने बढ़ चुके है कि अब पुलिस साइबर सेल बन चुका है, इस सीरीज़ में मुंबई में होने वाले साइबर वार पर कहानियां पिरोई गई है। कई कंप्यूटर्स के बीच बैठा साइबर क्रिमिनल अपने काम को इतनी सफाई से करता है कि पुलिस साइबर सेल से को क्रिमिनल्स चकमा भी देते हैं लेकिन वेब सीरीज़ में ऐसा नहीं होता इस साइबर वार को निर्देशित किया है अंकुश भट्ट ने और वेब सीरीज़ को एपिसोड में रिलीज़ किया गया है।

कैसे होती है साइबर क्राइम की शुरुआत?

वेब सीरीज़ के पहले एपिसोड की शुरुआत बड़ी रोचकता या सनसनी डायलॉग्स के साथ होती है, जैसे कि डिजिटल वर्ल्ड में आपका कोई भी सीक्रेट, सीक्रेट नहीं है?कोई ना कोई, कहीं ना कहीं, कभी ना कभी आपको देख रहा है।

ये ‘कोई’ कौन है? ये है साइबर क्रिमिनल्स, जिनका कोई चेहरा नहीं होता।

वेब सीरीज़ साइबर वार में साइबर क्राइम का पर्दाफाश होता है और डिजिटल वर्ल्ड के क्रिमिनल्स को बेनकाब करके सलाखों के पीछे भेजा जाता है।

सस्पेंस और एक्शन से भरपूर सीरीज़

साइबर अपराध का विषय ज़बरदस्त है, लेकिन कहानी सुनी सुनाई लगती है इसलिए सस्पेंस होने के बावजूद साइबर अपराध से अचंभित नहीं करती। मुंबई पुलिस के सर्वर पर अटैक होता है और इस वेब सीरीज़ की एक्सपर्ट एथिकल हैकर अन्याय सैनी उस शातिर मालवेयर अटैक से बचा लेती है।

साइबर अपराध की स्क्रिप्टिंग में मुंबई पुलिस साइबर सेल में साइबर अपराधों पर नकेल कसने के लिए एक खास टीम का गठन होता है इस टीम का नाम – TRACE है यानी थ्रेट रिस्पॉन्स एंड साइबर क्राइम!

इस टीम में 5 लोगों को शामिल किया जाता है और इस टीम का नेतृत्व करते हैं, एसीपी आकाश मालिक (मोहित मालिक) टीम की एथिकल हैकर होती है अनन्या सैनी (सनाया ईरानी) सभी क्रैक्टर्स ने अपने अभिनय को बखूबी निभाया है।

साइबर क्रिमिनलस के निशाने पर आम जीवन यापन करने वाले यानी आम लोग इस क्राइम के शिकार बन जाते है।

आम लोगों को जागरूक करती सीरीज़

ट्रेस टीम में अनन्या सैनी जोकि एक एथिकल हैकर है वो भी कई बार क्रिमिनल्स को पकड़ने के लिए सस्पेक्ट के मोबाइल फोन हैक करती है साइबर क्रिमिनल्स को पकड़ने के लिए, इससे एसीपी आकाश मालिक के उसूल और इगो आड़े आते है, लेकिन ये नोक झोंक मनोरंजन करती है। ट्रेस टीम हर साइबर अपराध करने वाले क्रिमिनल को पकड़ने में कामयाब रहती है।

आम लोग आए दिन, कहीं ना कहीं, कभी ना कभी कैसे भी, साइबर क्रिमिनल्स के झांसे में फंसते ज़रूर हैं। आज कल हर इंसान स्मार्ट फोन, लैपटॉप, इंटरनेट का भरपूर प्रयोग करता है। ऑनलाइन बैंकिंग, ऑनलाइन शॉपिंग, किसी ना किसी वेबसाइट पर ऐसे हैकर्स अपनी नज़र बनाए रखते हैं।

हालाकि ये वेब सीरीज़ आम लोगों को साइबर अपराध से जागरूक और सतर्क तो बनाती है साथ एक संदेश भी देती है की किसी भी ऑनलाइन वेबसाइट पर डिस्काउंट देने वाले ऑफर को आसानी से ना अपनाएं।

वेब सीरीज़ समाज में बढ़ रहे डिजिटल अपराध को बेहतरीन तरीके से दिखाती है और ये मुद्दा प्रासंगिक है। 

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