गर्भकल्याणक पर हूई पूजन आराधना, तीर्थंकर माता की हुई गोद भराई
अपने भीतर की शक्ति को पहचाने – आचार्य सुनील सागर
जन्मकल्याणक पर निकलेगी शोभायात्रा, 1008 कलशों से आज होगा जन्माभिषेक
एक नन्हा सा बीज भूमि के गर्भ से प्रफुटित होकर विशाल वृक्ष बनता है। पानी की एक बूंद , बूंद -बूंद से मिलकर नदी का रूप नदी का रूप ले लेती है ,वही नदी एक दिन विशाल सागर का रूप ले लेती है। जिस प्रकार बीज में विशाल वृक्ष ओर बून्द में विशाल सागर बनने की शक्ति है उसी प्रकार मानव में परमात्मा बनने की असीम शक्ति विद्यमान है। श्री आदिनाथ मुनि सुव्रतनाथ जिनबिम्ब पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव जावद में गर्भकल्याणक (उतरार्ध) के अवसर पर आचार्य सुनील सागर महाराज ने धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए कहे ।आचार्य श्री ने कहा कि मुनि सुव्रतनाथ का आज गर्भ कल्याणक महोत्सव है, पूर्व भव में मुनि सुव्रतनाथ ने अपने वर्तमान को इतना व्यवस्थित धर्ममय और मानवता से भरपूर कर लिया था कि आज वर्तमान में वे सारे लोगों के लिए कल्याण का कारण बन रहे हैं ।आज आधुनिक युग होने के बाद भी बच्चियों की कम शिक्षा और कन्या भ्रूण हत्या, आत्महत्या जैसे विषय देश की संस्कृति को कलंकित करते हैं, उसका कारण मात्र इतना है कि बच्चे स्वतंत्र होने की बजाय स्वच्छंद होते चले जा रहे हैं । प्रभु का गर्भ कल्याणक तभी सार्थक होगा जब हम अपने अंदर छुपी संभावनाओं को परख कर अपने वर्तमान में उसे संतुलित करने का पुरुषार्थ करेंगे। प्रवक्ता अनिल स्वर्णकार ने बताया कि आचार्य सुनील सागर महाराज ससंघ का सुबह जावद मे मंगल प्रवेश हुआ। प्रतिष्ठा महोत्सव में दूसरे दिन गर्भकल्याणक (उत्तरार्द्ध) के दौरान प्रातः श्रीजी का अभिषेक, शांतिधारा ओर प्रतिष्ठाचार्य निर्देशक विनय जैन ,मुख्य प्रतिष्ठाचार्य दिनेश जैन अदवास और विधानाचार्य प्रकाश जैन के निर्देशन में याग मंडल विधान, दोपहर में गर्भकल्याणक संस्कार विधि ,पूजन आराधना, तीर्थंकर माता सोमादेवी की गोद भराई हुई। शाम को श्रीजी ओर आचार्य संघ की आरती पश्चात रात्रि में निशांत एंड पार्टी द्वारा माता का मंगल स्नान ,56 कुमारियों द्वारा माता की आरती, देवियों द्वारा प्रश्न मंच आदि का मंचन हुआ।
1008 कलशो से जन्माभिषेक आज
जन्म कल्याणक पर सोमवार को भव्य शोभायात्रा निकलेगी। पांडुक शिला पर तीर्थंकर बालक का 1008 कलशो से जन्माभिषेक होगा।