शिव आराधना से मनोकामना पूर्ण – वेदांताचार्य डॉ. ध्यानाराम जी महाराज
आसोतरा – श्री खेतेश्वर ब्रह्मधाम तीर्थ आसोतरा में चल रही शिव महापुराण कथा के सत्रहवें दिन शनिवार को वेदांताचार्य डॉ.ध्यानाराम जी महाराज ने कहा कि भगवान शिव सारे संसार से प्रेम करते है। शिव ही निरंकार है। नौ प्रकार के शब्द हर व्यक्ति के अंदर चलते हैं और किसी भी व्यक्ति को पता नहीं चलता, बाहर के शब्द ही लोग सुनते हैं। सौ-सौ बार जन्म लेने के बाद भी अज्ञानता के साथ मनुष्य अंदर के नौ शब्दों को नहीं सुन पाता है। देवी-देवता भी शिव की आराधना करते हैं। उन्होंने कहा कि सुख हमें आत्मा मिलता है, लेकिन आत्मा ही नहीं होगी तो सुख कहां से आएगा। आत्मा को ही शिव कहा जाता है। आत्मा कभी भी नहीं मरती है। नम: शिवाय का तप करने से हर प्रकार का फल मिलता है। शिव आराधना से मनोकामना पूर्ण होती है। वेदांताचार्य महाराज ने प्रवचनों में कहा है कि ज्ञान रूपी प्रकाश भगवान के चरणों में ही होता है। दीपक का सुख अंधकार में ही मिलता है, उसी प्रकार परमात्मा के शरण में जानें से ही सुख की प्राप्ति होगी।