प्रतापगढ़ : लगातार बारिश से उफान पर नदी-नाले, सांसत में लोगों की जान
सावन की शुरुआत के साथ शुरू हुई तेज बारिश ने किसानों के निराश चहरों पर मुस्कान ला दी है.
प्रतापगढ़: सूबे में लगातार हो रही भारी बारिश से नदी नाले उफान पर हैं. धरियावद-प्रतापगढ़ मार्ग पर बहने वाली करमोचनि नदी बीती रात से उफान पर चल रही है. जिले में बांधों का जलस्तर भी लगातार बढ़ रहा है. पानी के तेज बहाव में खेतों को बचाने के लिए लगाए गए पुश्ते भी बह गए हैं.
प्रशासन ने नदी किनारे रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के निर्देश दिए गए हैं लेकिन इस के बाद भी लोग जान जोखिम में डालने से नहीं बच रहे है. धरियावद की करमोचनि नदी में लकड़ियों के लालच में लोग तेज बहाव के बीच जाकर लकड़ियां बीनते हुए नजर आ रहे हैं. नदी के पुल पर सुरक्षा के किसी भी प्रकार के इंतजाम नहीं किए गए हैं. ऐसे में लोग तेज बहाव के बीच जान जोखिम में डाल रहे हैं.
बारिश में हर साल नदियों के उफान पर आते ही लोग जान जोखिम में डालकर तेज बहाव वाली पुलिया पर सड़क पर पहुंच जाते हैं. भारी बारिश से क्षेत्र के कई नदी नाले उफान पर होने के चलते कई जगहों से संपर्क भी टूट गया है. इधर, करमोचनि नदी में लोग लकडिया बीनकर जान जोखिम में डालकर नहाते नजर आ रहे हैं. ऐसे में किसी बड़े हादसे से इनकार नहीं किया जा सकता है हालांकि, प्रशासन नदी तटों पर रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की हिदायत दे कर इतिश्री कर लेते हैं.
बरसात ने किसानों की चिंता को दूर किया
इधर, सावन की शुरुआत के साथ शुरू हुई तेज बारिश ने किसानों के निराश चहरों पर मुस्कान ला दी है. पूरा असाड़ माह बारिश नहीं होने से किसानों के चेहरे पर चिंता साफ़ देखी जा रही थी लेकिन गुरु पूर्णिमा से सावन की शुरुआत के साथ ही शुरू हुई बरसात ने किसानों की चिंता को दूर किया है. आदिवासियों के हरिद्वार कहे जाने वाले गोतमेश्वर में भी झरने पूरे वेग के साथ बहाना शुरू हो गए हैं. गोतमेश्वर के विकास के बाद गोतमेश्वर के निखरे हुए स्वरूप में लोगों ने बारिश के साथ झरने का आनंद लिए. गोतमेश्वर सहित जिले के सभी प्राकृतिक स्थलों पर बारिश के बाद लोगों ने प्रकृति का आनंद लिए.