जयपुर: जलदाय विभाग में एक तरफ चीफ इंजीनियर की कुर्सी को लेकर खींचतान चल रही है तो दूसरी तरफ दूदू प्रकरण ने विभाग को पूरी तरह से घेर रखा है.
इन्हीं विवादों के बीच में विभाग के मुखिया अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधांश पंत (Sudhansh Pant) और उप शासन सचिव आर एस मक्कड़ छुट्टी पर चले गए, जिसके बाद में अब विभाग में चर्चा का विषय बना हुआ है कि क्या राजनीतिक दबाव के चलते अधिकारियों ने अवकाश ले लिया? क्या इन प्रकरणों के चलते विवाद तो उत्पन्न नहीं हो गया?
प्रदेश को पानी पिलाने वाला विभाग पानी-पानी
राजस्थान (Rajasthan) को पानी पिलाने वाला जलदाय विभाग (Water supply department) इन दिनों खुद ही पानी पानी हो रहा है. एक तरफ तो जलदाय विभाग में चीफ इंजीनियर की कुर्सी को लेकर विवाद तो दूसरी तरफ दूदू में हुए भ्रष्टाचार की जांच की आंच. विभाग में बढ़ते विवादों के बीच अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधांश पंत के छुट्टी पर जाने के बाद में विभाग में चर्चाएं जोरों पर हैं. इंजीनियर में चर्चा का विषय बना हुआ है कि कहीं गड़बड़ी की जांच में राजनीतिक दबाव तो नहीं आ रहा क्योंकि मंत्री बीड़ी कल्ला (BD Kalla) ने ACS द्वारा करवाई गई जांच की कार्रवाई को रोक दूसरी जांच बैठा दी. मंत्री ने दूसरी बार जांच के लिए विभाग के उप शासन सचिव आर एस मक्कड़ को निर्देश दिए थे लेकिन बीमारी का हवाला देते हुए आर एस मक्कड़ छुट्टी पर चले गए और जांच चीफ इंजीनियर अर्बन सीएम चौहान को सौंप दी.
क्या कहना है सुधांश पंत का
इसके बाद में अब विभाग के मुखिया अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधांश पंत भी 15 दिन की छुट्टी पर चले गए हैं, ऐसे में इस प्रकरण को लेकर अब यही चर्चाएं चल रही है कि क्या राजनीतिक दबाव के चलते अधिकारी छुट्टी पर तो नहीं जा रहे. हालांकि सुधांश पंत ने कहा है कि इस तरह की कोई बात नहीं है, मैंने एक महीने पहले ही छुट्टी के लिए आवेदन किया था, जिसकी अब मंजूरी मिली है.
क्या अर्बन चीफ इंजीनियर करेंगे जांच?
दूदू में जल जीवन मिशन में 18 करोड़ के प्रोजेक्ट की शिकायत के बाद विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधांश पंत ने जांच बैठाई थी, जिसमें विजिलेंस टीम की जांच में यह पाया गया था कि यादव कंस्ट्रक्शन ने वर्क आर्डर से 3 महीने पहले ही काम शुरू किया और JEN, AEN, XEN दोषी पाए गए थे जिसके बाद में जल जीवन मिशन के चीफ इंजीनियर आरके मीणा ने तीनों इंजीनियरों को निलंबित करने और फर्म को ब्लैक लिस्टेड करने की सलाह दी थी लेकिन विभाग कार्रवाई करता उससे पहले दूदू से निर्दलीय विधायक बाबूलाल नागर ने दोषी इंजीनियरों और यादव कंस्ट्रक्शन फर्म पर कार्रवाई नहीं करने का सिफारिश मंत्री से की, जिसके बाद मंत्री बीडी कल्ला उसी दिन कार्रवाई को रोक कर दूसरी बार जांच करने के आदेश दे दिए.
छुट्टी के लिए बीमारी का दिया हवाला
मंत्री ने विभाग के उप शासन सचिव आर एस मक्कड़ को चिट्ठी लिखकर दोबारा जांच करने के निर्देश दिए थे लेकिन आरएस मक्कड़ यह जांच चीफ इंजीनियर अर्बन सीएम चौहान को सौंप कर छुट्टी पर चले गए. उन्होंने छुट्टी के लिए बीमारी का हवाला दिया लेकिन अब यह जांच पूरी तरह से ठंडे बस्ते में चली गई है क्योंकि सीएम चौहान भी इस जांच के मूड में नहीं है. हालांकि मंत्री बीड़ी कल्ला ने ये दावा किया था कि दो दिन में जांच आ जाएगी, लेकिन अब तक कोई जांच रिपोर्ट नहीं आई.
चीफ इंजीनियर की कुर्सी को लेकर तलवार अटकी
दूसरी तरह विभाग में चीफ इंजीनियर की डीपीसी को लेकर तलवार लटकी पड़ी है.चीफ बनने को लेकर सिविल और मेकेनिकल इंजीनियर्स में आपसी खींचतान चल रही है..PHED के अतिरिक्त मुख्य अभियंता अमिताभ शर्मा और अधीक्षण अभियंता अजय सिंह राठौड़ ने लगाई याचिका लगाई थी, जिसके बाद सिविल सेवा अपीलीय अधिकरण ने डीपीसी पर रोक लगा दी थी, जिसकी अगली सुनवाई 26 जुलाई को है. ऐसे में इन विवादों के बीच में अधिकारियों को छुट्टी पर जाने का क्या मतलब निकाला जाए?