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कपास में होने वाले शारीरिक विकार के बारे में एक दिवसीय कृषक प्रशिक्षण 

कपास में होने वाले शारीरिक विकार के बारे में एक दिवसीय कृषक प्रशिक्षण 

बांसवाड़ा । कृषि अनुसंधान केन्द्र, बोरवट फार्म, बासंवाड़ा पर मंगलवार को आईसीएआर-केन्द्रीय कपास अनुसंधान संस्थान-नागपुर एवं भारतीय कपास निगम लिमिटेड के सहयोग से चल रहे एक्सटेंशन पाइलेट प्रोजेक्ट के तहत कपास में होने वाले शारीरिक विकारों के बारे में एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। जिसमें 65 कृषकों ने इस प्रशिक्षण में भाग लिया। जिसमें से 40 महिला कृषक थी। इस प्रोजेक्ट से जुडे कीट वैज्ञानिक डॉ. आर. कल्याण ने इस परियाजना के बारे में बताया। साथ ही कपास में होने वाले शारीरिक विकार जैसे पेराविल्ट (न्युविल्ट), लालपत्ति होना, क्रेजीटोप, डोडो का सही नही खुलना आदि के बारे में विस्तार से कृषक को समझाया। पेराविल्ट (न्युविल्ट) रोग के लक्षण इसमें पत्तिया मुरझा कर लटक जाती है इसका उपचार लक्षण दिखे तो 24-48 घंटों के भीतर कोबाल्ट क्लोराइड 2.0 ग्राम की दर से 200 लीटर पानी के साथ प्रति एकड का छिड़काव करे। लालपत्ति रोग यह आमतौर पर डोडे बनते समय होती है। इसके शुरूआती लक्षण परिपक्व पत्तियों पर आते है और धीरे-धीरे पूरी पत्ती पर लाल रंग फैल जाता है इसका उपचार मैग्नीशियम सल्फेट का (0.5 प्रतिशत) का छिडकाव करे। केन्द्र के संभागीय निदेशक डॉ. हरगिलास, ने कपास में अधिक उपज के साथ अच्छी गुणवता लेने के लिए विभिन्न तकनिकियों के बारे में विस्तार से बताया जैसे किस्म का चुनाव, खरपतवार प्रबंधन, उर्वरक प्रबंधन, बूंद-बूंद सिंचाई एवं सूक्ष्म तत्वों का छिडकाव कब और कैसे करें आदि के बारे में बताया। इस प्रशिक्षण में प्रियांश मेहता, अशोक मावी ने भी भाग लिया। पेराविल्ट (न्युविल्ट) से प्रभावित लालपत्ति से प्रभावित क्रेजी टोप से प्रभावित संभागीय निदेशक अनुसंधान

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