बहाने ढूँढता है रंग लेकर यार होली में
लुटाये प्यार यूँ मुझ पर मेरा दिलदार होली में
सभी को छोड़ कर डाले है मुझ पर रंग वो धानी
करे है प्यार का इस ढंग से इजहार होली में
गिले शिकवे सभी दिल से मिटाओ प्यार से यारो
बजाओ ढोल, नाचो खू़ब, अब की बार होली में
मिटायें हम सभी इक दूसरे से नफ़रतें यारो
करे कोई किसी से भी नहीं तकरार होली में
सताये एक दूजे को न कोई आज से लोगो
बहारों से भरे जीवन करें सब प्यार होली में
खुशी छाने लगी है हर तरफ अब है फ़िज़ा रंगी
गुलाबी लाल रंगो की हुई बौछार होली में
क़दम पड़ते नहीं हैं कामिनी अपने ज़मीं पर अब
हुआ है क्या अजब उनका मुझे दीदार होली में
~ डॉ कामिनी व्यास रावल