मेवाड़ के पूर्व महाराणा अरविंद सिंह मेवाड़ का निधन, मेवाड़ में शोक की लहर
उदयपुर सहित पूरे मेवाड़ में शोक
उदयपुर । मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार के सदस्य अरविंद सिंह मेवाड़ का आज सुबह लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। 80वर्ष की उम्र में उदयपुर में उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन से परिवार सहित उदयपुर और पूरे मेवाड़ अंचल में शोक की लहर है। अरविंद सिंह के बारे में कहा जाता है कि वे उदार व्यक्तित्व के दूरदर्शी सोच रखने वाले और अपने क्षेत्र की तरक्की पसंद व्यक्ति थे। उन्होंने उदयपुर में पर्यटन के क्षेत्र में अद्वितीय योगदान दिया।
गौरतलब है कि उन्हें घूमना फिरना काफी पसंद था और वे प्रकृति के करीब रहना चाहते थे। अरविंद सिंह ने उदयपुर अंचल में पर्यटन, संस्कृति और धरोहर संरक्षण के लिए काफी काम किए। सिटी पैलेस, जग मंदिर एवं अन्य ऐतिहासिक स्थलों के संरक्षण में उन्होंने बड़ी भूमिका निभाई।
सोमवार सुबह होगा अंतिम संस्कार
जानकार सूत्रों के अनुसार मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार के सदस्य अरविंद सिंह मेवाड़ की पार्थिव देह का सोमवार सुबह अंतिम संस्कार किया जाएगा। उनकी अंत्येष्टि में पूर्व राजपरिवार के सभी सदस्य शामिल होंगे। आपको बता दें कि कुछ समय पूर्व ही उनके बड़े भाई महाराणा महेंद्र सिंह का निधन हुआ था। फिलहाल राजघराने की परंपरानुसार अरविंद सिंह का अंतिम संस्कार किया जाएगा। उनके अंतिम संस्कार में उदयपुर और राजस्थान के पूर्व राजपरिवारों के सदस्य शामिल होंगे। साथ ही बड़ी संख्या में उनके प्रशंसक और उनसे स्नेह रखने वाले लोग अंत्येष्टि में शामिल होंगे।
कौन हैं अरविंद सिंह मेवाड़ ?
पूर्व राजपरिवार सदस्य अरविंद सिंह मेवाड़ का 13 दिसंबर 1944 में उदयपुर के सिटी पैलेस में जन्म हुआ था। अरविंद सिंह भगवत सिंह के दूसरे बेटे और महेंद्र सिंह मेवाड़ के भाई थे। उन्हें मेवाड़ राजवंश का 76वां संरक्षक माना जाता है।
शुरुआती शिक्षा अपने शहर और उच्च शिक्षा के लिए गए यूके
अरविंद सिंह मेवाड़ ने प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा अपने ही शहर में प्राप्त की। उसके बाद उन्हें अजमेर के मेयो कॉलेज में दाखिला म शुरुआती शिक्षा अपने घर पर ही प्राप्त की। इसके बाद साल 1957 में उनका अजमेर के मेयो कॉलेज में दाखिला कराया गया। इसके बाद 1965 में उदयपुर के महाराणा भूपाल कॉलेज से अरविंद सिंह ने आर्ट्स में बीए की डिग्री ली और उसके बाद यूके के सेंट एल्बंस मेट्रोपॉलिटन कॉलेज से होटल मैनेजमेंट की डिग्री लेकर पुन: भारत लौटे।