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अन्याय असत्य से ही प्रारम्भ होता है- साध्वी डॉ.बिंदुप्रभा

अन्याय असत्य से ही प्रारम्भ होता है- साध्वी डॉ.बिंदुप्रभा

नागौर । जयमल जैन पौषधशाला में जयमल जैन श्रावक संघ के तत्वावधान में बुधवार को जयगच्छीय जैन साध्वी डॉ.बिंदुप्रभा ने धर्मावलंबियों को न्याय पूर्वक धन उपार्जन करते हुए अपनी आजीविका चलाने की प्रेरणा दी। साध्वी ने प्रवचन सभा को संबोधित करते हुए कहा कि अन्याय के कारणों को जानने से जीवन में सुख शांति प्राप्त हो सकती है। अन्याय के अन्तर्गत तीन बातें होती है – असत्य का आचरण करना, विश्वासघात करना या धोखा देना और तीसरा है मित्र एवं स्वामी का द्रोह करना। ये तीनों अन्याय कहलाते हैं। अन्याय असत्य से ही प्रारम्भ होता है। चार कारणों से जीव असत्य का प्रयोग करते हैं – क्रोध के वश, लोभ के वश, भय के वश और हास्य के वश। क्रोध में व्यक्ति अंधे के समान हो जाता है। हित – अहित, भला – बुरा, न्याय – अन्याय का कोई भान नहीं रहता है। क्रोध उतरने के बाद मात्र पश्चाताप रह जाता है। भूतकाल में डूबे रहने के कारण आत्मा का पतन कर लेता है। व्यक्ति भय के कारण असत्य बोल देता है। अपनी बुराई को छिपाने के लिए, अन्याय को दबाने के लिए असत्य का प्रयोग करते हैं। क्रोध के आँख पीछे होती है, भय के आगे होती है और लोभ के आंख होती ही नहीं। साध्वी ने विस्तार से समझाते हुए कहा कि सत्य में साहस होता है, स्पष्टता नजर आती है और स्वीकार भाव रहता है। इसके विपरीत असत्य में कायरता होती है, छिपाव होता है और अस्वीकार भाव रहता है। अन्याय का दूसरा भेद है विश्वासघात। समय ऐसा दिखाई पड़ता है जहां एक ठग दूसरे ठग को ठग रहा है। एक दूसरे पर आक्रमण कर रहे हैं। साध्वी ने कहा कि जैसी ध्वनि है, वैसी ही तो प्रतिध्वनि होगी। ठीक उसी प्रकार हर एक व्यक्ति को चिंतन मनन करना चाहिए कि अगर किसी को धोखा देते हैं तो एक दिन पुनः स्वयं के साथ धोखा हो सकता है। कर्म चक्र से आज तक कोई बच नहीं पाया है। इसलिए साधक को चाहिए कि वह अन्याय अनीति का त्याग कर न्याय मार्ग पर चलें।
*दोपहर में हुआ जय जाप*
मंच का संचालन संजय पींचा ने किया। प्रवचन में पूछे गए प्रश्नों के उत्तर शारदा ललवानी, रेखा मोदी, रेखा लोढ़ा एवं परम ललवानी ने दिए। प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता के विजेताओं को जयमल जैन महिला मंडल द्वारा पुरस्कृत किया गया। दोपहर 2 बजे से 3 बजे तक महाचमत्कारिक जयमल जाप का अनुष्ठान किया गया। जाप की प्रभावना तारादेवी, शिखरचंद कोठारी परिवार द्वारा वितरित की गयीं। आगंतुकों के भोजन का लाभ मालचंद, प्रीतम ललवानी परिवार ने लिया। इस मौके पर जगदीश माली, कन्हैयालाल ललवानी, दिलीप पींचा, पार्षद दीपक सैनी, चंपालाल जांगिड़ सहित अन्य श्रावक-श्राविकाएं उपस्थित रहें।

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