वीरों का सम्मान फटे हुए पोस्टर के ज़रिए, क्या समय से हटाया नहीं जाना चाहिए ?
उदयपुर । झीलों की नगरी उदयपुर अपनी प्राकृतिक सुंदरता और ऐतिहासिक विरासत के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है। लेकिन हाल ही में फतेहसागर झील के किनारे लगाए गए बड़े-बड़े फ्लेक्स बोर्ड न सिर्फ शहर के सौंदर्य पर असर डाल रहे हैं, बल्कि पर्यटन को भी प्रभावित कर रहे हैं।
वीरों के सम्मान में लगाया गया पोस्टर और दूसरे राजनीतिक नेताओं के बैनर जगह-जगह फटे हुए नजर आ रहे हैं, जो न केवल अव्यवस्था और बदसूरती को बढ़ावा दे रहे हैं, बल्कि झील के खुले और सुरम्य नज़ारे को भी बाधित कर रहे हैं। ऐसे में सवाल उठता है—क्या ऐसा सम्मान शहर की प्राकृतिक सुंदरता की कीमत पर होना चाहिए ?
होटल एसोसिएशन उदयपुर के उपाध्यक्ष और एंटी करप्शन एंड क्राइम कंट्रोल कमेटी के बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष यशवर्धन राणावत का मानना है कि फतेहसागर झील जैसे प्रमुख पर्यटन स्थल पर अनियंत्रित तरीके से फ्लेक्स और होर्डिंग्स लगाने से न सिर्फ दृश्यता प्रभावित होती है, बल्कि शहर की पहचान भी कमजोर पड़ती है। इन्हें झील की सुंदरता के लिए बाधा ना बनाते हुए उपयुक्त स्थान पर लगाना चाहिए, दृश्य बाधित करता हुआ यह बेतरतीब तरीका ठीक नहीं है । पर्यावरण प्रेमियों और स्थानीय नागरिकों ने इस तरह की अनियोजित विज्ञापन संस्कृति पर कड़ा ऐतराज जताया है और नगर निगम से मांग की है कि वह इस पर ठोस कदम उठाए।
सच्चा सम्मान वही होता है, जो शहर की खूबसूरती को संवारता है, न कि उसे बिगाड़ता है। अब समय आ गया है कि हम जमीनी स्तर पर पर्यटन की आवश्यकताओं को समझें और एक सार्थक बदलाव की मांग करें। नगर निगम और प्रशासन को चाहिए कि वे जिम्मेदार और सौंदर्यपरक समाधान अपनाएं ताकि उदयपुर की विरासत को सही तरीके से संजोया जा सके।