महिला दिवस पर किशोरी ने खुद के भविष्य के लिए लिया बड़ा फैसला
उदयपुर । महिला दिवस के अवसर पर, जब पूरे देश में महिलाओं के अधिकारों और उनकी स्वतंत्रता की बात हो रही थी, उसी दिन एक 18 वर्षीय किशोरी ने भी अपने जीवन के फैसले को लेकर बड़ा कदम उठाया। माता-पिता द्वारा उसकी मर्जी के बिना तय की जा रही सगाई से परेशान होकर वह अहमदाबाद से भागकर उदयपुर आ गई।
प्रसा अनुसंधान की संस्थापिका सविता तिवारी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि यहाँ रेलवे स्टेशन पर जीआरपी थाने के कांस्टेबल किशन जी की नजर जब उस पर पड़ी, तो उन्होंने सतर्कता दिखाते हुए उसे महिला अधिकारिता विभाग के अंतर्गत प्रसा अनुसंधान संस्था द्वारा जीआरपी थाने में संचालित महिला सुरक्षा एवं सलाह केंद्र भेजा। वहां परामर्शदात्री मंजरी गुप्ता ने उसकी काउंसलिंग की, जिससे यह सामने आया कि वह अपने माता-पिता की इच्छा के विरुद्ध कराई जा रही सगाई से परेशान थी और इसी कारण घर छोड़कर भाग आई थी। महिला सुरक्षा एवं सलाह केंद्र ने अपनी अहम भूमिका निभाते हुए उसकी काउंसलिंग की और उसके माता पिता को सूचित कर बुलवाया। कॉउंसलिंग के दौरान किशोरी ने बताया कि उसे अपनी पढ़ाई जारी रखने और ब्यूटी पार्लर खोलने की इच्छा है।
माता पिता के पहुँचते ही उनकी संयुक्त कॉउंसलिंग कर उन्हें यह संदेश दिया गया कि बेटी की सहमति के बिना कोई भी निर्णय न लिया जाए। यदि वह पढ़ाई करना चाहती है, तो उसे प्रोत्साहित किया जाए और जब भी विवाह का निर्णय हो, तो उसकी मर्जी को प्राथमिकता दी जाए।
महिला सुरक्षा एवं सलाह केंद्र का संचालन प्रसा अनुसंधान संस्था द्वारा किया जाता है, जो पिछले 20 वर्षों से महिलाओं के अधिकार, सशक्तिकरण, कानूनी सहायता और आत्मनिर्भरता के लिए कार्य कर रही है। संस्था महिलाओं और किशोरियों को सुरक्षा, परामर्श और पुनर्वास की सुविधा प्रदान कर उनके उज्ज्वल भविष्य की दिशा में काम कर रही है।
संस्था की संस्थापिका द्वारा कहा गया कि हर लड़की को यह अधिकार है कि वह अपने जीवन के महत्वपूर्ण फैसले स्वयं ले। शिक्षा, करियर और विवाह जैसे मुद्दों पर उसकी राय को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। माता-पिता को बेटियों की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए और उन्हें आत्मनिर्भर बनने के अवसर देने चाहिए।