उदयश्याम मंदिर उपेक्षा और अतिक्रमण का शिकार – ऐतिहासिक धरोहर के संरक्षण की माँग तेज़
उदयपुर । महात्मा गाँधी जीवन दर्शन समिति के जिला संयोजक पंकज कुमार शर्मा एवं होटल एसोसिएशन उदयपुर के उपाध्यक्ष पर्यटन विशेषज्ञ और लेखक यशवर्धन राणावत ने रविवार प्रातः 11:30 बजे उदयश्याम मंदिर, जो 16वीं शताब्दी का एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर स्थल है, चांदपोल के बाहर लेक पिछोला होटल और आमेट हवेली के बीच स्थित है ; उसका दौरा किया एवं वहाँ स्थिति का जायजा लिया । वर्तमान में इसकी स्थिति अत्यंत दयनीय और उपेक्षित हो चुकी है। यह मंदिर, जो कभी अपनी भव्यता और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध था, आज अव्यवस्थित और असंवेदनशील निर्माण कार्यों की भेंट चढ़ गया है। आसपास हुए अनियंत्रित निर्माण ने इसके मूल स्वरूप को क्षति पहुंचाई है, जिससे मंदिर की सुंदरता और ऐतिहासिक महत्व को गहरी ठेस लगी है। यह मंदिर अब अपनी पहचान खोता जा रहा है। आधुनिक निर्माण कार्यों में पारंपरिक वास्तुकला और सांस्कृतिक धरोहरों के प्रति कोई सम्मान नहीं दिखता, जिससे न केवल मंदिर का मूल सौंदर्य प्रभावित हुआ है, बल्कि इसके दर्शन और पूजा-पाठ में भी बाधाएं उत्पन्न हो रही हैं। मंदिर के आसपास अतिक्रमण और अव्यवस्थित संरचनाओं के कारण न तो श्रद्धालुओं को सुगमता मिलती है और न ही पर्यटकों को इसकी ऐतिहासिक विरासत को देखने का सही अवसर। इस क्षेत्र में अव्यवस्थित विकास और नगर नियोजन व देवस्थान विभाग की घोर उपेक्षा के चलते यह ऐतिहासिक मंदिर उपेक्षा और अव्यवस्था का शिकार हो चुका है, जिससे इसकी गरिमा को पुनः स्थापित करने की सख्त आवश्यकता है। मंदिर में गर्भगृह के पास शौचालय और झील से सौंदर्य को ख़राब करता हुआ नया किचन निर्माण पूर्णतया रोकने के बावजूद हुआ है । पर्यटन के नाम पर शहर से धोखा होता हुआ दिखाई देता है । शर्मा ने देवस्थान विभाग के उच्च अधिकारियो से आग्रह किया की हो रहे अवैध निर्माण को तुरन्त प्रभाव से बंद किया जाए । मौके पर जयवर्धन सिंह चुण्डावत मलिक आमेट हवेली, नितेश सर्राफ, चित्रु देवासी, राजवीर उपस्थित थे । ग़ौरतलब है की राणावत एंटी करप्शन एंड क्राइम कंट्रोल कमेटी के बौद्धिक प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी हैं ।
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