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नाबालिग बच्चे धड़ल्ले से ई-रिक्‍शा चलाकर लोगों की जीवन से कर रहे है खिलवाड़

चौराहे से 100 मीटर दूर पर ही ई रिक्शा व प्राइवेट बस कि सवारियां बैठाए व उतारे मौके पर पकड़े जाने पर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी

ई रिक्शा की वजह से नगर कि मार्केट में बनी रहती है जाम की।स्थिति

बिलग्राम हरदोई । बिलग्राम क्षेत्र में ई-रिक्शाओ की मांग तो लगातार बढ़ती जा रही है लेकिन इसका सफर अब यहां खतरे से खाली नहीं रह गया है। नगर की सड़कों पर नाबालिग बच्चे बेरोकटोक इन्हें चलाते दिख रहे है । इन बच्चो को न तो इसे चलाने की समझ है और न ही काबिलियत। ई-रिक्‍शा से सफर करने वाले लोगो का जीवन रामभरोसे है, क्‍योंकि इसके लिए परमिट और लाइसेंस की व्यवस्था नहीं की गई है इसीलिए यह नगर की सड़कों पर बिना किसी डर के धड़ल्ले से दौड़ रहे हैं।बिलग्राम नगर में ई-रिक्शाओ की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है और यह नगर के सदर बाजार बड़ा चौराहा जीटी रोड सहित सभी नगर की मुख्य सड़कों पर धड़ल्ले से दौड़ रहै है के मेन बाजार, रोड, बस स्टैंड रोड, तांगा स्टैंड, सब्जी मंडी आढ़त आदि स्थानों पर तो उक्त ई-रिक्शाओ के कारण पूरे दिन जाम की स्थिति बनी रहती हैं। क़स्बे के पीपल चौराहे पर मुख्यमार्ग पर ई-रिक्शा का संचालन होता है। नाबलिग बच्चो के ई-रिक्शा चलाने से उसमे सफर करने वाले लोगो की जान हमेशा खतरे मे बनी रहती है। क़स्बे मे ई-रिक्शा ज्‍यादातर नौसिखए चला रहे हैं। पुलिस-प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नही दे रहा है। लगता है पुलिस-प्रशासन क्षेत्र मे किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है। 4 से 5 यात्रियों की क्षमता वाली इन ई-रिक्शाओ मे जबरन 7 से 8 यात्रियों को ठूस- ठूस कर बैठाया जा रहा है। जिससे हादसे का खतरा और ज्यादा बढ जाता है। इतना ही नही यह ई-रिक्शाएं अब क्षेत्र मे भारी-भरकम सामान ढोने का काम भी बखूबी कर रही है। ज्यादा पैसा कमाने के चक्कर मे ये ई-रिक्शा संचालक न तो अपनी और न ही लोगो के जीवन की परवाह कर रहे है। क्षेत्र के ई-रिक्शा संचालको का हाल यह है कि वे रिक्शा स्टैड पर न खडा होकर नगर के व्यापारियो की दुकानो के सामने खड़े होकर सवारियो का इंतजार करते है और जब व्यापारी ई-रिक्शा वालो को अपनी दुकान के सामने से ई-रिक्शा हटाने के लिए कहते है तो ई-रिक्शा संचालक व्यापारियो से लडते झगड़ते है। बिलग्राम क्षेत्र मे स्कूल-कालेजो मे जाने वाले ज्यादातर नाबालिग छात्र- छात्राएं भी अब स्कूटर एवं बाईको से कालेजो मे आ-जा रहे है। इन पर न तो छात्रो के अभिभावको और स्कूल संचालको द्वारा कोई रोक लगाई जा रही है और न ही नगर का पुलिस-प्रशासन इस ओर कोई ध्यान दे रहा है वही हमारे संवददाता ने इस बारे मे बातचीत की तो सीओ विशाल यादव ने कहा की ध्यान देते हुए नाबालिग बच्चो द्वारा ई-रिक्शा , बाईक एवं स्कूटर आदि चलाने की जांच कराकर इन सभी पर रोक लगाने के लिए वैधानिक कार्रवाई करने की बात कही व बतया है कि किसी प्रकार के ई रिक्शा या प्राइवेट बस चौराहे से 100 मीटर दूर पर सवारियां बैठाए व छोड़ें क़स्बे के पढ़े-लिखे लोग भी नाबालिगों द्वारा ई-रिक्शा चलाने का नहीं कर रहे है विरोध ई-रिक्शा की सवारी के कारण नगर के लोगों की जान पूरी तरह से इन नाबालिगों के हाथ में है। और यह सब देखते-सुनते हुए भी पढ़े-लिखे लोग तक बिना किसी विरोध के ई-रिक्शा की सवारी आराम से कर रहे हैं। किसी प्रकार का विरोध नहीं होने के कारण बिना परवाह के शहर में ई-रिक्शा की बाढ़ आती ही जा रही है। बिना आवाज किए चलने वाली ई-रिक्शा तेज गति से चलने के कारण पीछे से आकर कभी भी किसी को ठोकर मार देती हैं। ऐसे मामलों को लेकर आम राहगीर और ई-रिक्शा के चालकों के बीच बहसबाजी आम हो गयी है। हालात में फिलहाल कोई सुधार जैसी बात नहीं दिख रही है।

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