- जगह – जगह हुआ स्वागत, जयकारों से गूंजा ब्रह्मधाम तीर्थ आसोतरा
- भजन संध्या में दी एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियां
आसोतरा – श्री खेतेश्वर ब्रह्मधाम तीर्थ आसोतरा के गादीपति अनन्त श्री विभूषित ब्रह्मर्षि ब्रह्माचार्य श्री ब्रह्मासावित्री सिद्ध पीठाधीश्वर परम पूज्य श्री तुलछारामजी महाराज का 42 वां दिव्य पावन तप साधना चातुमास्य व्रत समारोह 13 जुलाई से 10 सितम्बर तक बद्रीनाथ धाम (उत्तराखंड) में आयोजित होगा। गादीपति सदगुरुदेव तुलछाराम जी महाराज ने शुक्रवार को ब्रह्मधाम तीर्थ आसोतरा में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ चरण पादुका का पूजन किया गया। रात्रि में भजन संध्या का आयोजन किया गया । जिसमे गायक कलाकार श्याम पालीवाल, उदय सिंह राजपुरोहित,ओम प्रजापत, राजू प्रजापत, चन्दन सिंह राजपुरोहित,बिजल राजपुरोहित, सहित अलग अलग क्षेत्र से पधारे कलाकारों ने भजनों की प्रस्तुति दी। सदगुरुदेव तुलछाराम जी महाराज ने अपने आशीवर्चन में कहा कि ब्रह्मलीन कुलगुरु खेताराम जी महाराज का सौम्य एवं सरल जीवन सभी के लिए प्रेरणादायक है। जिन्होंने जीवन में गांव – गांव, ढाणी – ढाणी जाकर समाज को एकता के सूत्र में बांधकर समरसता का संदेश दिया। संतों के सानिध्य में व्यक्ति के उत्तम चरित्र का निर्माण होता है, प्रेम शांति और सदभाव से जीना ही भक्ति है। प्रताप पूरी महाराज ने कहा कि महापुरुषों के जीवन से सभी को प्रेरणा लेकर समाज सेवा में अपना योगदान प्रदान करना चाहिए। महंत परशुराम गिरी जी महाराज ने कहा कि सदगुरुदेव तुलछाराम जी महाराज का सौम्य एवं सरल जीवन सभी के लिए प्रेरणादायक है। उन्हीं के आदर्शों पर चलकर उनके सुयोग्य शिष्य डॉ. ध्यानाराम जी महाराज राष्ट्र निर्माण व समाज में बालक बालिकाओं को संस्कार युक्त शिक्षा मिले इसके लिए अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं। इस दौरान कार्यक्रम में पधारे विभिन्न जगहों से पधारे साधु महात्माओं ने भी प्रवचन दिए। शनिवार प्रात: ब्रह्मधाम तीर्थ आसोतरा से सदगुरुदेव तुलछाराम जी महाराज चातुर्मास के लिए भक्त भाविको के साथ रवाना हुए। वही जगह – जगह पर सद्गुरूदेव जी का भव्य स्वागत किया गया। सुबह ब्रह्मधाम में सदगुरुदेव तुलछाराम जी महाराज के पूजा अर्चना के बाद समाज बंधुओ ने माला पहनाकर स्वागत भी किया।
- ब्रह्मधाम गादीपति ने पूर्व में 41 वर्षो से किया कठोर तप साधना व चातुर्मास
ज्ञात्वय रहे कि इससे पूर्व ब्रह्मधाम के गादीपति श्री तुलछाराम महाराज ने लगातार 41 वर्षो तक अपना दिव्य चातुर्मास एवं तप साधना अपनी जन्म भूमि इन्द्राणा, तपोभूमि पीपलीया नाड़ी आसोतरा, आबू पर्वत नासिक, हरिद्वार, भारत के पवित्र चारों धाम श्री बद्रीनाथ, श्री रामेश्वरम, श्री जगन्नाथपुरी, श्री द्वारिकापुरी, गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा, श्री कैलाश मानसरोवर यात्रा, देवघाट नेपाल व श्री खेतेश्वर ब्रह्मधाम आसोतरा में किए है। तथा श्री खेतेश्वर ब्रह्मधाम तीर्थ आसोतरा से द्वारिकापुरी धाम तक एक माह की महापद यात्रा करके हजारों श्रद्धालुओं को साथ लेकर कठोर तप साधना की है। तथा इस बार ब्रह्मधाम गादीपति का 42 वां दिव्य चातुर्मास तप साधना बद्रीनाथ धाम में होगा।