एसडीएम बिलग्राम शासनादेश की उड़ा रहे हैं जमकर धज्जियां
बिलग्राम । बिलग्राम तहसील के एसडीएम नारायन सिंह का एक के बाद एक कारनामा सामने आ रहा है। आपको बता दें कि पूर्व में मिश्रिख लोकसभा के सांसद अशोक रावत ने एक कार्यक्रम के दौरान एसडीएम नारायन सिंह को जमकर वायरल हुआ था और उसके बाद मे अभी हाल में ही समाधान दिवस में एक फरियादी की फरियाद को लेकर एडीएम सौम्या गुरुरानी के सामने समाधान दिवस में फरियादी को अभद्र भाषा का प्रयोग करने के मामले का भी वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है इसी बीच उनका एक और कारनामा सामने आया है आपको बता दें कि बिलग्राम तहसील क्षेत्र के ग्राम नेकपुर नेवादा में एक जमीनी विवाद का मामला श्रीमती कमला देवी और विपक्षीगण संजय आदि के नाम से चल रहा जिसमें श्रीमती कमला देवी ने अपनी भूमि पर लेखपाल द्वारा विपक्षीगणों से मिलकर उसकी भूमि पर कब्जा न किए जाने का वाद मुकदमा सिविल जज जूनियर डिविजन के न्यायालय में दायर किया है जिसमें तारीख पेशी 3/07/2023 नियत है लेकिन फिर भी एसडीएम बिलग्राम नारायन सिंह द्वारा लगातार उक्त भूमि पर निर्माण कराने के लिए प्रशासनिक आदेश/निर्देश पारित किए जा रहे हैं वर्तमान में माह जून तक सिविल कोर्ट बंद है जिस कारण एसडीएम ही सर्वे सर्वा हैं एसडीएम बिलग्राम लगातार विवादित भूमि पर निर्माण कार्य कराने का प्रयास कर रहे हैं अभी हाल ही में यह जानते हुए कि प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है फिर भी उक्त विवादित स्थल गाटा संख्या 153 की पैमाइश के लिए मुकेश चौधरी नायब तहसीलदार देशराज भारती नायब तहसीलदार के साथ 3 लेखपालों की टीम बनाई उक्त आदेश दिनांक 15 जून 2023 शासन द्वारा निर्गत शासनादेश दिनांक 16 सितंबर 2015 का स्पष्ट उल्लंघन है जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि जिन मामलों में निजी पक्षकारों के मध्य अचल संपत्ति के ऐसे प्रकरणों में जिनमें वाद सक्षम न्यायालय में विचाराधीन है उनमें प्रकीर्ण प्रार्थना पत्रों में पर प्रशासनिक आदेश पारित न किए जाएं यदि भविष्य में ऐसा कोई प्रकरण शासन के संज्ञान में आता है तो इसे अत्यंत गंभीरता से लिया जाएगा दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही की जाए।अब देखने वाली बात होगी कि बिलग्राम एसडीएम महोदय जो चर्चा के विषय हैं। उन पर कोई कार्यवाही होती है या किसी के संरक्षण में साफ बच जाते हैं। उक्त प्रकरण में जब एसडीएम से वार्ता की गई तो उन्होंने बताया कि मामले को निपटाने के प्रयास किया जा रहा है दोनों पक्ष इकट्ठा नहीं होते है, इसलिए प्रकरण का निस्तारण नहीं हो पा रहा है। जब उनसे शासनादेश के संबंध में पूछा गया तो तो उन्होंने जानकारी नहीं दी। फोटो एसडीएम