दिल्ली में दाखिल होने के लिए ज़रूरत पड़ी तो रूसी ट्रैक्टर का इस्तेमाल करेंगेः राकेश टिकैत
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने शनिवार को कहा कि दिल्ली की सीमा दाखिल होने के लिए ज़रूरत पड़ने पर वे रूस निर्मित ट्रैक्टर का इस्तेमाल करेंगे.
केंद्र सरकार के कृषि क़ानूनों का विरोध कर रहे किसान संगठनों और मोदी सरकार के बीच चल रही खींचतान के बीच राकेश टिकैत के इस बयान को चेतावनी के तौर पर देखा जा रहा है.
उन्होंने कहा कि रूस में बने ट्रैक्टर्स बेहद शक्तिशाली होते हैं और अपने रास्ते में आने वाली हर चीज़ को कुचल कर रख देते हैं.
राकेश टिकैत ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, “ये एक तरह का ऑटोमैटिक ट्रैक्टर होता है. जब इसे गियर में डाला जाता है तो ये रुकेगा नहीं और अपने रास्ते में आने वाली हर चीज़ को कुचल कर रख देगा. अगर ज़रूरत पड़ी तो इन ट्रैक्टरों का इस्तेमाल दिल्ली में दाखिल होने के लिए किया जाएगा. हम फिलहाल अपने ट्रैक्टर लेकर कहीं नहीं जा रहे हैं लेकिन हमारे पास ऐसे कई ट्रैक्टर हैं.”
किसान नेता राकेश टिकैत दिल्ली-उत्तर प्रदेश बोर्डर पर प्रदर्शन स्थल के पास किसानों की ताकत दिखाने के लिए रूसी ट्रैक्टर लेकर आए थे.
उन्होंने कहा, “ये ट्रैक्टर 53 साल पुराना है. सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार, दस साल में ट्रैक्टर बदल दिए जाने चाहिए. हालांकि ऐसे कई रूसी ट्रैक्टर अभी भी काम कर रहे हैं. ये ट्रैक्टर नेशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल के दफ्तर जाएगा. हम एनजीटी के अफसरों को दिखाएंगे कि ये ट्रैक्टर अभी भी काम कर रहे हैं.”
राकेश टिकैत ने ये बात ज़ोर देकर कही कि 53 साल पुराने ट्रैक्टरों का इस्तेमाल करना नियमों के ख़िलाफ़ नहीं है.
उन्होंने कहा, “हम यहां पिछले सात महीने से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. क्या ये कानून का उल्लंघन नहीं है? अगर सरकार ने हमारा विरोध प्रदर्शन खत्म करने के लिए कुछ नहीं किया तो वे इन ट्रैक्टरों को सड़कों पर चलने से कैसे रोकेंगे?”
“हरित क्रांति के समय ये ट्रैक्टर रूस से आयात किए गए थे. इन गाड़ियों की रफ्तार धीमी है लेकिन खेतों में इनसे बहुत अच्छी जुताई होती है.”
किसान आंदोलन के सात महीने पूरे होने पर प्रदर्शनकारी किसान देश भर में ‘किसानी बचाओ, लोकतंत्र बचाओ’ दिवस मना रहे हैं. इस मौके पर उन्होंने राष्ट्रपति के नाम सभी राज्यपालों को आज एक ज्ञापन सौंपा.