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साधक के जीवन में गुरु आवश्यक है – साध्वी डॉ.बिंदुप्रभा

फ़ोटो कैप्शन- जयमल जैन पौषधशाला में गुरु पूर्णिमा पर प्रवचन सुनते हुए श्रावक।

साधक के जीवन में गुरु आवश्यक है – साध्वी डॉ.बिंदुप्रभा

जयमल जैन पौषधशाला में गुरु पूर्णिमा पर हुआ विशेष आयोजन

नागौर । श्वेतांबर स्थानकवासी जयमल जैन श्रावक संघ के तत्वावधान में शनिवार को जयगच्छीय जैन साध्वी डॉ.बिंदुप्रभा एवं साध्वी हेमप्रभा के सानिध्य में गुरु पूर्णिमा पर विभिन्न धार्मिक आयोजन हुए। आचार्य जयमल जैन मार्ग स्थित जयमल जैन पौषधशाला में प्रातः 9 बजे से 10 बजे तक प्रवचन हुआ। गुरु पूर्णिमा पर विशेष प्रवचन देते हुए जयगच्छीय जैन साध्वी डॉ.बिंदुप्रभा ने कहा कि जो अज्ञानता से दूर कर ज्ञान की ओर ले जाए, जो अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाए वह गुरु कहलाते हैं। भारतीय संस्कृति में गुरु – शिष्य परंपरा को निभाने वाले सभी धर्ममतों में गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित किया जाता है। साध्वी ने कहा कि मोक्ष मंजिल की यात्रा प्रारंभ करने वाले साधक के जीवन में गुरु होने बहुत जरूरी है। गुरु से ही जीवन शरू होता है। जन्म देने वाली मां होती है अपितु जीवन देने वाले गुरु होते हैं। श्रद्धावान लभते ज्ञानं यानि श्रद्धा हो तो ज्ञान फ़ौरन प्रवेश कर लेता है। साध्वी ने 4 प्रकार के गुरु का वर्णन बताया। पहला- गुरु दीपक की तरह होते हैं, उनके स्वयं का जीवन रोशनीमय होता है और वे दूसरों के जीवन में रोशनी प्रज्वल्लित करते है। दूसरा-गुरु पारस की तरह होते हैं। तीसरा-गुरु भंवर की तरह होते हैं। जिस प्रकार भंवर एक लट को अपने स्वरूप बना लेता है, ठीक उसी प्रकार गुरु भी अपने शिष्य को अपने जैसा बना लेते हैं। चौथा-गुरु चंदन की तरह होते है। गुरु जैसे पारसमणि का स्पर्श मिल जाये तो लोहा भी सोना बन जाता है।

फ़ोटो कैप्शन- जयमल जैन पौषधशाला में गुरु पूर्णिमा पर प्रवचन सुनते हुए श्रावक।
फ़ोटो कैप्शन- जयमल जैन पौषधशाला में गुरु पूर्णिमा पर प्रवचन सुनते हुए श्रावक।

गुरु पूर्णिमा पर की मूक पशु-पक्षियों की सेवा
मंच का संचालन पूनमचंद बैद ने किया। प्रवचन में पूछे गए प्रश्नों के उत्तर कल्पना ललवानी, सपना ललवानी, प्रिंस बोहरा एवं मनोज ललवानी ने दिए। सभी विजेताओं को मेघराज, जितेंद्र चौरड़िया परिवार द्वारा पुरस्कृत किया गया। दोपहर 2 बजे से 3 बजे तक महाचमत्कारिक जयमल जाप का अनुष्ठान किया गया। जाप की प्रभावना एवं आगंतुकों के भोजन का लाभ नरपतचंद, प्रमोद ललवानी परिवार ने लिया। मुदित पींचा ने बताया कि गुरु पूर्णिमा पर संघ के कार्यकर्ताओं ने विशेष प्रातः शहर में अलग-अलग जगह घूमकर मूक पशु-पक्षियों की सेवा की। संघ मंत्री हरकचंद ललवानी, संगीता चौरड़िया, नगराज ललवानी आदि ने जीव-दया व्यवस्था में सहयोग किया। इस मौके पर अशोक नाहटा, लोकेश जैन, जतन बाघमार, भीकमचंद ललवानी, पार्षद दीपक सैनी सहित अन्य श्रावक-श्राविकाएं उपस्थित रहें।

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