विज्ञान समिति में इन्दिरा अजय मुर्डिया चल विज्ञान प्रयोगशाला का लोकार्पण सम्पन्न ।
महाराणा प्रताप जैसा लक्ष्य-समर्थित व्यक्तित्व ही सहयोगियों को भामाशाह बनने के लिये प्रेरित करता है । – गुलाबचंद कटारिया
उदयपुर । गुलाब चन्द कटारिया, राज्यपाल-असम, के मुख्य आतिथ्य और डॉ. अजय मुर्डिया, संस्थापक इन्दिरा आईवीएफ हॉस्पीटल, की अध्यक्षता में इन्दिरा अजय मुर्डिया चल विज्ञान प्रयोगशाला का समारोह पूर्वक लोकार्पण किया गया।
प्रारंभ में समिति अध्यक्ष डॉ. के पी. तलेसरा ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए बताया कि जब कटारिया जी नगर विधायक थे तब विधायक निधि से प्रयोगशाला कक्ष के लिए दस लाख का बजट प्रदान कर समिति के विज्ञान प्रकल्पों को नवीन दिशा देने की शुरुआत हुई। इसी क्रम में अब इन्दिरा आईवीएफ के संस्थापक डॉ. अजय मुर्डिया के सहयोग से चल विज्ञान प्रयोगशाला के लिए बस और उपकरण व अन्य संसाधन क्रय कर विज्ञान की प्रायोगिक शिक्षा को सशक्त किया गया है। विज्ञान समिति संस्थापक डॉ. के एल कोठारी ने विज्ञान समिति के विज्ञान प्रकल्पों का लेखा जोखा प्रस्तुत किया। समिति की विज्ञान गतिविधियों के प्रभारी डॉ. महीप भटनागर ने बताया कि आर्यभट्ट विज्ञान चेतना केन्द्र तथा इन्दिरा अजय मुर्डिया मोबाइल साइन्स लैब किस प्रकार ग्रामीण क्षेत्र में प्रयोगशाला ले जाकर एवं ग्रामीण स्कूलों के विद्यार्थियों को समिति में लाकर विज्ञान शिक्षा का सशक्तिकरण किया जाएगा। मुख्य अतिथि के रूप में महामहिम कटारिया सा. ने कहा कि समिति के 65 वर्षों की सफलता उनके सदस्यों के समर्पण का परिणाम है जिसे हमे लिपिबद्ध करके पुस्तक के रुप मे प्रकाशित करना चाहिये । महाराणा प्रताप जैसा लक्ष्य-समर्थित व्यक्तित्व ही सहयोगियों को भामाशाह बनने के लिये प्रेरित करता है ,अध्यक्षीय उद्बोधन में डॉ. अजय मुर्डिया ने कहा कि उन्हें विज्ञान समिति से जुड़ विद्यार्थियों की सेवा का यह सुअवसर मिला है व आगे भी नये परिकल्पों मे सहयोग करते रहेंगे। इन्दिरा आईवीएफ के अब तक एक लाख 45 हजार परखनली शिशु यह संदेश देते है कि “टोने टोटके नहीं प्रभावी, उन्हें ना होने दो हावी । वैज्ञानिक तकनीकी ही रहेगी सदैव प्रभावी।।”आभार अभिव्यक्त करते हुए डॉ. बी.एल. चावत ने सभी अतिथियों, समारोह में सभी कर्मियों का तथा विज्ञान समिति सदस्यों के प्रति आभार व्यक्त किया। समारोह का संचालन महासचिव वर्द्धमान मेहता द्वारा किया गया।मीडिया प्रभारी प्रोफसर विमल शर्मा ने बताया कि डा रेणू भंडारी इस परियोजना की सह प्रभारी है व प्रकाश तातेड सक्रिय सदस्यों मे है । कर्नल जी ऐस बया, राज लोढ़ा , डा ऐल ऐल धाकड , डा. के ऐल तोतावत, आर के चतुर, पुष्पा कोठारी, मंजुला शर्मा, ऐम पी जैन, सुजान सिंह, शिव रतन तिवारी आदि समारोह मे उपस्थित थे।