सहेली नगर वार्ड 3 में कूड़े का अघोषित डंपिंग पॉइंट, प्रशासन की बेखबरी और उदासीनता
कार्यालय संवाददाता
उदयपुर । शहर के ऐतिहासिक बाग सहेलियों की बाड़ी के निकट सहेली नगर वार्ड 3 में मुख्य सड़क पर नगर निगम के सफाई कर्मियों द्वारा नियमित रूप से कचरा डंप किया जा रहा है, जिससे यह स्थान एक अघोषित कूड़ा संग्रहण केंद्र में तब्दील हो चुका है। दिनभर यहाँ कचरे के ढेर लगे रहते हैं, जिन पर पवित्र निराश्रित गौमाता, आवारा कुत्ते और सूअर अक्सर कचरा रूपी भोजन करते देखे जा सकते हैं।
विडंबना यह है कि, इस समस्या से न केवल स्वच्छ भारत अभियान की साख पर बट्टा लग रहा है, बल्कि सनातन संस्कृति पर भी सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि निराश्रित गौमाताएँ खुले में कचरा खाने को मजबूर हैं। यह स्थिति न केवल स्वच्छता बल्कि पर्यटन के दृष्टिकोण से भी अत्यंत शर्मनाक है।
स्थिति तब और गंभीर हो जाती है जब विदेशी पर्यटक इस मार्ग से गुजरते हैं और कचरे में मुंह डालती गायों तथा आवारा कुत्तों के झुंडों की तस्वीरें खींचकर सोशल मीडिया पर साझा करते हैं। इससे उदयपुर की छवि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर धूमिल हो रही है, जो की पर्यटन की दृष्टि से अच्छा नहीं है ।
स्थानीय निवासियों और हितधारकों ने इस मुद्दे पर कई बार नगर निगम को शिकायतें एवं ज्ञापन सौंपे, लेकिन प्रशासन की उदासीनता और लापरवाही के चलते कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
होटल एसोसिएशन उदयपुर के उपाध्यक्ष यशवर्धन राणावत ने इस स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि उदयपुर को ‘क्लीन उदयपुर कैंपेन’ के तहत सभी अघोषित कूड़ा डंपिंग पॉइंट्स को हटाने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि गौमाताओं की देखभाल सनातन की जिम्मेदारी निभाने वालों को करनी चाहिए और उन्हें खुले में कचरा खाने के लिए नहीं छोड़ा जाना चाहिए। ऐसा करना सनातन संस्कृति के रक्षकों और अनुयायियों की छवि पर भी नकारात्मक प्रभाव डालता है। प्रशासन को तुरंत उचित कदम उठाना चाहिए ।
शनिवार को खींची गई तस्वीरें इस विकट और निराशाजनक स्थिति की सच्चाई उजागर करती हैं। अब देखने वाली बात यह होगी कि प्रशासन कब तक इस समस्या को नजरअंदाज करता रहेगा, या फिर स्वच्छ और सुंदर उदयपुर के लिए कोई ठोस पहल होगी।
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