वन्य जीव सप्ताह पर विशेष मीडिया की वन्यजीव संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका
उदयपुर । आजकल मीडिया द्वारा वन्यजीवों द्वारा कारित दुर्घटनाओं का अधिकाधिक प्रचार करने से जनमानस में वन्यजीवों के प्रति नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। इस प्रकार के समाचारों से जनमानस वन्यजीवों के प्रति उद्देलित होकर उनके संरक्षण के विरुद्ध होकर यहाँ तक वन्यजीवों को मारने के लिए तत्पर हो जाता है। जबकि पारिस्थितिकी संतुलन हेतु पृथ्वी पर प्रत्येक जीव-जन्तु की अपनी भूमिका है। यहाँ तक मांसाहारी जीवों के अस्तित्व पर ही मानव अस्तित्व भी निर्भर है। मानव-वन्यजीव संघर्ष हमेशा से रहा है तथा मनुष्य व वन्यजीवों का सह अस्तित्व पुरातन काल से साथ रहा है। कई कारणवश वन्यजीव हिंसक होकर के मनुष्य को हानि पहुंचाता है जबकि प्रायः सामान्य परिस्थिति में हर वन्यजीव हर समय मनुष्य के प्रति हिंसक नहीं होता है। इस प्रकार के दुर्घटनाओं के समाचार प्रकाशन के साथ-साथ कारणों पर भी मीडिया को प्रकाश डालते हुए जानकारी देना चाहिए। आज के युग में मनुष्य ने वन्यजीवों के आवास में पहुँच बनाकर नुकसान किया है, वहीं उसकी आहार शृंखला को भी नष्ट या कम कर दिया है। ऐसी परिस्थिति में वन्यजीव मनुष्य के आवास के आस-पास भोजन/जल हेतु आने को मजबूर हो गया है। उसके स्वतंत्र विचरण के क्षेत्र में ही कमी हो गयी है । ऐसी स्थिति में मीडिया को वन्यजीवों द्वारा कारितदुर्घटनाओं का समाचार देते समय सकारात्मक संतुलित भूमिका का निर्वहन करना वन्यजीवों के सुरक्षा में एक अहम भूमिका का योगदान होगा । हाल ही उत्तर प्रदेश में बहराइच में भेड़ियों द्वारा खेतों में मानव पर आक्रमण की घटनाओं में ईलेक्ट्रोनिक मीडिया द्वारा समाचारों में भेड़ियों की जिस तरह कि खतरनाक छवि प्रस्तुत की उसमें भेड़ियों का अस्तित्व भी खतरे में हो जाता है । हाल ही उदयपुर क्षेत्र में पेंथर द्वारा गोगुंदा व झड़ोल क्षेत्र में ग्रामीणों पर हमले में जनहानि की है, समाचार पत्रों में कारणों व भविष्य में दुर्घटनाओं को रोकने में भी मीडिया का उतरदायी भूमिका की आवश्यकता प्रतिपादित रहती है। क्या उल्लेखनीय नहीं है, कि विद्युत, वाहनों के द्वारा आए दिन दुर्घटनाएँ कारित होने पर, इन सेवाओं की महत्वपूर्ण उपयोगिताओं के कारण क्या इन्हें कभी बंद करने की मांग की जाती है? वहीं पारिस्थितिकी तंत्र में वन्य जीवों की महत्वपूर्ण भूमिका होने के बावजूद इन्हें मारने, नुकसान पहुंचाने के लिए प्रशासन, जन मानस तत्पर हो जाता है। मीडिया इस महत्वपूर्ण वन्य जीवों द्वारा कारित दुर्घटनाओं में समाचार देने या प्रकाशन के साथ में मानव अस्तित्व के लिए इनके भी सह अस्तित्व की भूमिका का महत्व समझाते हुए ही सकारात्मक-संतुलित भूमिका अदा की जायेगी।